BUDGET 2021: कंपनियों को EPFO में अब समय पर जमा कराना होगा कर्मिचारियों का PF पार्ट
नई दिल्ली। सैलरी क्लास के लिए इस बार के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान किया है। वेतनभोगियों के लिए बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगर एम्प्लॉयर कर्मचारी का पीएफ योगदान देर से जमा करता है तो उसे एम्प्लॉयर को छूट में लाभ नहीं मिलेगा। वित्त मंत्री ने कर्मचारियों की परेशानी का जिक्र करते हुए कहा कि हमने यह देखा है कि कुछ नियोक्ता समय पर कर्मचारी की ओर से काटी गई पीएफ की राशि को जमा नहीं करते हैं। कंपनियां कर्मचारी के वेतन से ही पीएफ और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के नाम पर राशि काटते हैं लेकिन उसे समय पर जमा नहीं करते हैं।
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वित्त मंत्री की दो टूक
वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनियों की ओर से की जाने वाली इस देरी की वजह से कर्मचारियों को ब्याज और कमाई दोनों में नुकसान होता है, लिहाजा जो कंपनियां समय पर ईपीएफओ की राशि को जमा नहीं करती हैं उन्हें कर में छूट का लाभ नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि कर्मचारियों के लिए पीएफ की स्कीम काफी लाभदायक है, इससे ना सिर्फ कर्मचारियों की सेविंग होती है बल्कि उन्हें अच्छी ब्याज दर, टैक्स में छूट आदि भी मिलता है।
किनके लिए अनिवार्य है ईपीएफ कटौती
बता दें कि पीएफ वह राशि होती है जिसे कर्मचारी को नौकरी छोड़ने के बाद या रिटायरमेंट के बाद मिलती है। यही नहीं जरूरत पड़ने पर पीएफ की राशि के कुछ हिस्से को बीच में भी निकाला जा सकता है। अगर किसी कंपनी में 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं तो उसका पंजीकरण कर्मचारी भविष्य निधि संगठन मे होना अनिवार्य है। ऐसे में इन कंपनियों में कर्मचारियों को दी जाने वाली सैलरी का एक हिस्सा बतौर पीएफ काटा जाता है जिसे नौकरी छोड़ने के समय कर्मचारी को दे दिया जाता है।
क्या होता है ईपीएफ
कर्मचारी अपनी सैलरी का 12 फीसदी ईपीएफके रूप में हर महीने जमा कराते हैं और कंपनी की ओर से 12 फीसदी की राशि अतिरिक्त जमा की जाती है। इसमे से 3.67 पीसदी कर्मचारी ईपीएफ और 8.33 फीसदी ईपीएस यानि पेंशन स्कीम में जमा होती है। जिसे रिटायरमेंट के बाद किश्तों में कर्मचारी को दिया जाता है। अहम बात यह है कि पीएफ के लिए जो राशि काटी जाती है उसपर किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं देना होता है। इसका पूरा लाभ कर्मचारियों को दिया जाता है। इस राशि पर 8 फीसदी का ब्याज भी मिलता है।
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