PF के जरिये टैक्स बचाने वाले मोटी सैलरी वालों को सरकार ने बनाया निशाना
Union Budget 2021 in Hindi: नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (1 फरवरी) संसद में दशक का पहला और ऐतिहासिक पेपरलेस बजट पेश किया। बजट 2021 से मध्यमवर्ग के लोगों को ज्यादा उम्मीदें थीं लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं में अर्थव्यवस्था और व्यास्थ्य के क्षेत्र में ज्यादा जोर दिया गया। बजट की खास बात यह रही कि कोरोना काल में केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य खर्चे में 137 फीसदी की वृद्धि की साथ ही 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया। हालांकि इससे कम उम्र के लोगों की आय पर लगने वाले टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया। हालांकि इस वर्ष प्रोविडेंट फंड (PF) के जरिये टैक्स बचाने वाले लोगों पर सरकार की नजर है।
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PF पर टैक्स बचाने वालों को झटका
बजट 2021 को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं के मुताबिक प्रोविडेंट फंड (पीएफ) द्वारा प्रति वर्ष 2.5 लाख से अधिक के अर्जित ब्याज पर अब सामान्य दरों पर कर लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। आसान भाषा में कहें तो अब ज्यादा कमाई करने वालों को भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज पर भी सरकार को टैक्स देना होगा। बजट 2021 में सरकार का यह प्रस्ताव हाई नेटवर्थ इनकम (HNI) वालों के लिए बड़ा झटका है। उधर, केंद्र सरकार के इस वर्ष नए टैक्स प्रावधानों से करोड़ों रुपए अर्जित करने की उम्मीद है।
इससे पहले भी आया था ऐसा ही प्रस्ताव
आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सालाना 2.5 लाख रुपए से अधिक के प्रीमियम पर मिलने वाली छूट को भी यूलिप की धारा 10 (10डी) के तहत हटाने का प्रस्ताव रखा है। यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने पीएफ के पैसे पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। इससे पहले साल 2016 के बजट में भी HNI वाले नागरिकों को कुछ इसी प्रकार का झटका लगा था। उस दौरान बजट में ईपीएफ के 60 फीसदी पर अर्जित ब्याज पर कर लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि नए कर के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध के बाद तत्कालीन मोदी सरकार ने प्रस्ताव वापस ले लिया था।
ऐसे लोगों को पीएफ टैक्स से मिलेगी छूट
बजट 2021 में पीएफ ब्याज पर लगने वाले टैक्स के प्रस्ताव को लेकर इस बार लोगों की नाराजगी कम हो सकती है, क्योंकि यह केवल वेतनभोगी कर्मचारियों की क्रीमी लेयर को प्रभावित करता है। 2.5 लाख रुपए की वार्षिक सीमा का मतलब है कि पीएफ में हर महीने 20,833 रुपए का योगदान करने वाला व्यक्ति (एक महीने में 1.73 लाख रुपए तक की बेसिक सैलरी) कर से बच जाएगा। पीएफ को लेकर बजट में केंद्र सरकार की घोषणा को लेकर सोशल मीडिया पर भी कई प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
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