Budget 2020: पहली बार देश में लागू होगा दो इनकम टैक्स सिस्टम, आपके लिए कौन सा Income Tax विकल्प चुनना होगा फायदेमंद
Budget 2020:आपके लिए कौन सा Income Tax विकल्प चुनना होगा फायदेमंद
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020(Budget 2020) में मिडिल क्लास को राहत देते हुए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स के नए प्रस्ताव पेश किए। निर्मला सीतारमण ने कहा कि 5 लाख रुपए तक की इनकम वालों को पुरानी की तरह नई व्यवस्था में भी टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन 5 लाख से 7.5 लाख रुपए तक की आमदनी वालों को अब 20 फीसदी के बजाए 10 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा। वहीं। 7.5 लाख से 10 लाख तक की आमदनी वालों को अब 15%, 10 लाख से 12.5 लाख रुपए की आमदनी वाले लोगों को 20 फीसदी और 12.50 लाख से 15 लाख रुपए तक के आय वाले लोगों को आमदनी पर 25% टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन नया टैक्स स्लैब वैकल्पिक है।
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यानी ये पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है कि आप नए टैक्स को अपनाना चाहते है या फिर पुराने टैक्स सिस्टम के तहत इनकम टैक्स पे करना चाहते हैं। वहीं नया टैक्स स्लैब एडॉप्ट किए जाने पर आपको सेविंग पर कोई राहत नहीं मिलने वाली है। वित्त मंत्री द्वारा नया टैक्स स्लैब पेश किए जाने के बाद से कई लोग उलझन में हैं। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें कौन सा टैक्स सिस्टम अपनाना चाहिए? उनके लिए नया टैक्स सिस्टम फायदेमंद है या फिर पुराने टैक्स सिस्टम के जरिए उन्हें राहत मिलेगी? अगर आप भी इन सब उलझनों में फंसे हुए हैं तो हम आपको इन दोनों इनकम टैक्स(Income Tax) सिस्टम के बारे में जानकारी और उनके फायदे बताते हैं।
Budget 2020: Income Tax स्लैब में बड़ा बदलाव, मिडिल क्लास को मिली बड़ी राहत
क्या है नया इनकम टैक्स सिस्टम
वित्त मंत्री ने बजट में ऐलान किया कि अब 5 लाख से 7.56 लाख तक के आय वाले लोगों को 10 प्रतिशत का टैक्स देना होगा। वहीं 7.5 लाख से 10 लाख तक की इनकमवाले लोगों को 15 प्रतिशत इनकम टैक्स देमना होगा। वहीं 10 लाख से 12.5 लाख की आय वाले लोगों को 25 प्रतिशत और 15 लाख से अधिक आय वाले लोगों को 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि नई टैक्स दरों से 15 लाख सालाना तक आय वालों को 78 हजार रुपए का तक का फायदा होगा। लेकिन नई व्यवस्था में 70 तरह के डिडक्शन खत्म कर दिए गए हैं।
किसके लिए फायदेमंद है नया टैक्स सिस्टम
अगर आप टैक्स बचाने के लिए सेविंग नहीं कर पाते हैं तो नया टैक्स स्लैब आपके लिए फायदेमंद है। यह टैक्स स्लैब पहले से चले आ रहे टैक्स स्लैब से अलग हैं। इस इनकम टैक्स सिस्टम में टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत मिल रही टैक्स छूट नहीं मिलेगी। जो लोग अपनी इनकम से सेविंग नहीं कर पाते हैं वो इस नए कम टैक्स रेट वाले इनकम टैक्स स्लैब का चुनाव कर सकते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपनी फाइनैंशल प्लैनिंग के हिसाब से कौन सा टैक्स स्लैब चुनना चाहते हैं। नए टैक्स स्लैब के तहत 15 लाख रुपए के इनकम पर पहले के मुकाबले कम टैक्स देना होगा।
नया टैक्स स्लैब लेने पर कितना होगा फायदा
अगर आप नया टैक्स स्लैब लेते हैं तो आपको पहले के मुकाबले कम टैक्स देना होगा, लेकिन आपको आपकी बचत पर कोई छूट नहीं मिलेगी। नए टैक्स स्लैब के मुताबिक 5 लाख रुपए से 7.5 लाख की आय पर 20% की बजाय अब आपको 10% टैक्स देना होगा, यानि पहले जो टैक्स 1,17,00 रुपए देना पड़ता था अब वो सेस के साथ 78,000 रुपए देना होगा। यानी आप 39,000 रुपए बचा सकेंगे।
नए टैक्स के तहत 10 लाख से 12.5 लाख रुपए तक की इनकम वाले लोगों को सेस के साथ जहां कुल 1,30,000 रुपए टैक्स देना पड़ेगा। वहीं पुराने स्लैब के मुताबिक 1,43,000 रुपए का टैक्स भरना होगा। यानी नए टैक्स के तहत आपको 13,000 रुपए का लाभ मिलेगा। वहीं 12.5 लाख से 15 लाख रुपए के इनकम के दयरे वाले लोगों को नए टैक्स स्लैब के तहत सेस समेत 1,83,600 रुपए का टैक्स देना होगा। वहीं पुराने स्लैब के मुताबिक उन्हें सेस समेत 2,73,000 रुपए टैक्स बनाना होगा। यानी आप नए टैक्स के साथ 89,400 रुपए बचा सकेंगे। अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि नई टैक्स दरों से 15 लाख सालाना तक आय वाले लोग 78000 रुपए तक बचा सकेंगे।
पुराने टैक्स में बचत पर मिलती है छूट
नए इनकम टैक्स से वो लोग खुश नहीं है, जो बचत करते हैं। इनकम टैक्स का नया स्लैब वैकल्पिक है। आप अगर नया टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आपको बचत पर किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी, लेकिन अगर आप छूट लेना चाहते हैं तो आपको इसके लिए पुरानी दर से ही टैक्स देना होगा। हालांकि वित्त मंत्री ने कहा है कि ईपीएफओ, एनपीएस, रिटायरमेंट फंड, ग्रेच्युटी आदि के योगदान पर नए टैक्स स्लैब में भी छूट मिलती रहेगी। अगर आपको नए व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स स्लैब पसंद नहीं आता है तो आप पुरानी टैक्स स्लैब के मुताबिक ही टैक्स पे कर सकते हैं। ये पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है।