Union Budget 2020: मोदी सरकार के इस बजट से मिडिल क्लास की उम्मीदें
Union Budget 2020: मोदी सरकार के इस बजट से मिडिल क्लास की उम्मीदें
नई दिल्ली। मोदी सरकार अपना अगला बजट 1 फरवरी 2020 को पेश करने जा रही है। इस बजट से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स में छूट देगी। व्यापारियों को उम्मीदें हैं कि सरकार टैक्स में राहत देगी। आम आदमी को इस बजट 2020 से कई उम्मीदें हैं। वर्तमान सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था के मद्देनजर इस बजट को लेकर काफी उम्मीदें की जा रही है। उम्मीद है कि वित्त मंत्री कॉरपोरेट कर में कमी की तर्ज पर आयकर में भी छूट देकर आम लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ा सकती है।
Union Budget 2020: आसान भाषा में समझें क्या होता है बजट,जानें इन शब्दों के मतलब
आम लोगों को उम्मीदें
इस
बजट
से
लोगों
को
उम्मीदें
हैं
कि
टैक्स
में
राहत
मिलेगी।
आम
आदमी
को
उम्मीद
है
कि
सरकार
25
लाख
रुपए
से
1
करोड़
रुपये
तक
की
आय
पर
टैक्स
को
25%
तक
रख
सकती
है।
वहीं
1
करोड़
से
अधिक
की
आय
पर
30
फीसदी
का
टैक्स
लिया
जाए।
लोगों
को
उम्मीद
है
कि
सरकार
सरचार्ज
को
हटा
दें।
इनकम टैक्स में छूट
आम लोगों को उम्मीद हैं कि सरकार वर्तमान सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को देखते हुए कर में छूट देगी। लोगों को ऐसी उम्मीद हैं कि वित्त मंत्री कॉरपोरेट कर में कमी की तर्ज पर आयकर में भी छूट देगी। 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक की आय पर कर को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया जा सकता है। इसी तरह 10 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कर को भी 30 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत किया जा सकता है।
Home Buyers को मिले राहत
इनकम टैक्स के साथ-साथ आम लोगों को उम्मीद है कि सरकार घर खरीदारों को भी राहत देगी। उम्मीद है कि टैक्स से जुड़े नियमों के मुताबिक अपनी रिहाइश के लिए गए होम लोन पर 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर कर में छूट का लाभ लिया जा सकता है। होम लोन 2 लाख रुपए तक के ब्याज पर कर में अभी छूट का लाभ मिल रहा है।वर्तमान में कोई व्यक्ति अपनी दो संपत्तियों के लिए कर में छूट का दावा कर सकता है। हालांकि छूट की अधिकतम सीमा दो लाख रुपए ही हो सकता है। माना जा रहा है कि सरकार रियल एस्टेट की सुस्ती को देखते हुए इसमें बदलाव कर सकता है ।
टैक्स स्लैब में बदलाव
उम्मीद है कि सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव कर लोगों को राहत दे सकती है और राजस्व बढ़ा सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि सरकार अगर करदाताओं की संख्या बढ़ाने का प्रयास करती है तो स्लैब में बदलाव से राजस्व में कमी की भरपाई की जा सकती है। वर्तमान में 5 लाख रुपए तक की सालाना आय पर टैक्स छूट है। इससे 8.5 लाख रुपये तक की आय वाले भी बचत करके कर के दायरे से बाहर हो सकते हैं।
कब पेश होता है बजट
सरकार
बजट
के
जरिए
सभी
मतों
में
किए
गए
खर्च
और
राजस्व
प्राप्ति
का
ब्यौरा
देती
है।
सरकार
देश
को
बताती
है
कि
उन्होंने
किन-किन
योजनाओं
पर
साल
भर
में
कितना
खर्च
करना
है
इसकी
सभी
जानकारी
इस
बजट
में
होती
है।
पहले
की
तरह
एक
बार
फिर
से
रेल
बजट
को
आम
बजट
का
हिस्सा
कर
दिया
गया
है।
1
अप्रैल
2017
को
एक
फिर
रेल
बजट
को
आम
बजट
में
शामिल
कर
दिया
गया।
आम
बजट
को
फरवरी
के
अंतिम
संसदीय
कार्यकारी
दिन
को
पेश
किया
जाता
था।
साल
2000
तक
बजट
शाम
5
बजे
पेश
होता
था।
इससे
पहले
ब्रिटिश
शासन
काल
में
भारत
का
बजट
ब्रिटेन
में
दोपहर
को
पास
होता
था,
जिसे
बादमें
बदलकर
5
बजे
कर
दिया
गया।
साल
2001
में
एनडीए
के
शासन
काल
में
बीजेपी
के
वित्त
मंत्री
यशवंत
सिंह
ने
इस
परंपरा
को
बदलते
हुए
बजट
पेश
करने
का
समय
बदलकर
सुबह
11
बजे
कर
दिया
गया।
मोदी
सरकार
ने
आम
बजट
पेश
किए
जाने
का
समय
1
फरवरी
को
तय
कर
दिया
है।