Budget 2019: मोदी सरकार ने सरकारी बैंकों को दिया 70,000 करोड़ का बूस्ट, सुधरेगी बैंकों की सेहत
Budget 2019:सरकारी बैंकों को 70,000 करोड़ का बूस्ट,सुधरेगी बैंकों की सेहत
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने बजट में सरकारी बैंकों की सेहत सुधारने पर बल दिया है। मोदी सरकार के बजट से सरकारी बैंकों को एनपीए को बूस्ट मिला है। लंबे वक्त से एनपीए से जूझ रहे सरकारी बैंकों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में 70 हजार करोड़ रुपए का बूस्ट दिया है। रीकैपिटलाइजेशन के जरिए सरकारी बैंकों की हालत सुधारी जाएगी। इस मदद से न केवल सरकारी बैंकों को एनपीए से निपटने में मदद मिलेगा बल्कि कर्ज देने की क्षमता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में देरी और सुस्त ग्रोथ की वजह से बैंकों का बैड लोन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बैंकों को फंड मुहैया कराने की यह कोशिश सरकारी बैंकों का कैपिटल बेस बढ़ाने की पहल का हिस्सा है।
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सरकारी बैंकों को 70000 करोड़ रुपए की मदद
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपए डाले जाने का ऐलान किया है। सरकार बैंकों की दिशा सुधारने में मदद करेगी। रिकैपिटलाइजेशन के जरिए सरकारी बैंकों की हालत सुधारी जाएगी। बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले 4 सालों में 1 लाख करोड़ एनपीए का रिजॉल्यूशन किया गया है। IBC मकैनिज्म के जरिए बैंकों को करीब 4 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है। बैड लोन से जूझ रहे सरकारी बैंकों में पैसा आने से बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए कर्ज देने में आसानी होगी।
बैंकों की सेहत सुधारने के लिए सरकारी मदद
इससे आने वाले दिनों में बैंकों की लोन ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है. अभी बैंकों के पास कम पूंजी है, जिसका लोन देने की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे में 70 हजार करोड़ और डाले जाने से लोन देने की क्षमता में सुधार होगा. वहीं कैपिटल की कमी से निपटने में मदद मिलेगी। बैंकों में पैसा आने से वो बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए कर्ज दे सकेगा, जिससे आने वाले दिनों में बैंकों की लोन ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है। बैंकों को सरकार द्वारा दिए जाने वाले 70 हजार करोड़ से बैंको की लोन देने की क्षमता में सुधार होगा और कैपिटल की कमी से निपटने में मदद मिलेगी।
बजट में बैंकों के लिए खास
आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय ने साल 2018-19 में रीकैपिटलाइजेशन बॉन्ड के जरिए सरकारी बैंकों को 1.06 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था। यह 65,000 रुपए के बजटीय अनुमान से ज्यादा था। बैंकों के एनपीए में लगातार इजाफा हो रहा है। साल 2008 से 2014 के बीच सरकारी बैंक का बकाया लोन 18 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपए हो गया है। करीब 5 बैंक अभी भी RBI के PCA के तहत है। ऐसे में वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों की दिशा सुधारने के लिए मदद की है।