Budget 2019: बिना खाताधारक की मर्जी के बैंक अकाउंट में नहीं जमा कर पाएंगे कैश
Budget 2019: बिना खाताधारक की मर्जी के बैंक अकाउंट में नहीं जमा कर पाएंगे कैश
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश किया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट कई मायनों में खास रहा। यहां बजट गरीबों के लिए सौगात लेकर आया तो वहीं अमीरों को इस बजट से झटका लगा है। इस बार भी बजट में मध्यम वर्ग के खाते में कुछ खास नहीं आया । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों की दशा और दिशा सुधारने के लिए 70,000 करोड़ रुपए दिए। वहीं बैंक खाते से कैश निकासी को लेकर भी वित्त मंत्री ने नए नियम पेश किए।
पढ़ें-Budget 2019: बैंक से कैश निकालना हुआ महंगा, देना होगा 2% टैक्स, डिजिटल पेमेंट को मिला बढ़ावा
बैंक खाते से कैश निकालना हुआ महंगा
वित्त मंत्री ने बजट के दौरान कहा कि बैंक से कैश निकालने पर अतिरिक्त टीडीएस देना होगा। संसद में सीतारमण ने कहा है कि सालभर में अगर कोई व्यक्ति बैंक से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश निकालता है तो उसपर 2 प्रतिशत का अतिरिक्त टीडीएस लगाया जाएगा। आपको बता दें कि सालाना 1 करोड़ से ज्यादा के कैश निकासी पर 2 फीसद का TDS का प्रावधान है।
खाते में कैश जमा करने के लिए खाताधारक की रजामंदी जरूरी
बैंक खाते से कैश निकालने से लेकर कैश जमा करने तक पर सरकार निगरानी रखने की तैयारी कर रही है। बिना खाताधारक की रजामंदी के आप उसके खाते में कैश नहीं जमा कर सकते हैं। वित्त मंत्री ने बजट में इसे लेकर प्रस्ताव दिया, जिसके मुताबिक किसी भी खाताधारक के खाते में बिना उसकी मर्जी के कैश जमा नहीं किया जा सकता है। खासकर जनधन खातों में नोटबंदी के दौरान इस तरह की शिकायत सामने आई थी, जिसमें खाताधारकों के अकाउंट में बिना उनकी जानकारी के कैश जमा कर दिए गए थे।
कैश डिपॉजिट पर लगाम लगाने की जरूरत
वित्त
मंत्री
ने
कहा
कि
वर्तमान
में
आपके
बैंक
अकाउंट
नंबर
की
जानकारी
भर
से
आपके
खाते
में
कोई
भी
फंड
जमा
कर
सकता
है।
उन्होंने
कहा
कि
इस
पर
लगाम
लगाने
की
जरूरत
है।
उन्होंने
कहा
कि
बैंकों
में
के
पास
इस
तरह
के
डिपॉजिट
को
रोकने
के
लिए
कोई
तरकीब
नहीं
है।
बिना
खाताधारक
की
रजामंदी
के
उनके
खाते
में
कैश
जमा
करने
की
प्रक्रिया
को
रोकने
की
जरूरत
है।
इससे
न
केवल
अनाधिकृत
लेन-देन
को
रोकने
में
मदद
मिलेगी
बल्कि
बैंकों
को
भी
मजबूती
मिलेगी।