Budget 2019 : किसानों के लिए हो सकती हैं बड़ी घोषणाएं
नई दिल्ली। कुछ दिनों बाद पेश किए जाने वाले बजट 2019 (Budget 2019) में मोदी सरकार किसानों सहित अन्य लोगों को लिए राहत भरी घोषणा कर सकती है। तीन राज्यों में विधान सभा चुनाव में मिली हार के बाद जानकारों को उम्मीद है कि इस बार पेश होने वाले अंतरिम बजट 2019 (Interim Budget 2019) में किसानों के अलावा नौकरी पेशा लोगों को इनकम टैक्स की छूट के अलावा गरीबों को यूनीवर्सल बेसिक इनकम स्कीम का लाभ दिया जा सकता है।
अरुण जेटली ने दिए संकेत
वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) के अनुसार फूड सरप्लस के चलते खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होने से किसानों की आमदनी में कमी आई है। इससे नीतिगत संबंधी चुनौतियां पैदा हुई हैं। उन्होंने कहा कि इन हालात से पार पाने के अंतरिम बजट (Interim Budget 2019) में कई बड़े नीतिगत ऐलान किए जा सकते हैं।
सरप्लस
फूड
बना
चुनौती
वित्त
मंत्री
अरुण
जेटली
फिलहाल
न्यूयॉर्क
में
उपचार
करा
रहे
हैं
और
उन्होंने
वीडियो
कांफ्रेंसिंग
के
माध्यम
से
एक
कार्यक्रम
को
संबोधित
करते
हुए
ये
बातें
कहीं।
जेटली
ने
कहा,
'हमारे
किसानों
ने
उत्पादकता
बढ़ाई
है
और
हमें
सरप्लस
फूड
के
दौर
में
ले
आए
हैं।
अब
सरप्लस
फूड
का
प्रबंधन
कई
साल
से
हमारे
लिए
चुनौती
का
विषय
बना
हुआ
है।
इसलिए
कीमतें
भी
गिर
रही
हैं।'
किसानों
की
घटी
कमाई
उन्होंने
कहा
कि
बीते
कुछ
महीनों
के
दौरान
फूड
प्राइसेस
में
कमी
किसानों
की
आमदनी
में
कमी
का
संकेत
है।
उन्होंने
कहा
कि
मार्केट
लोकलुभावन
उपायों
और
हालात
को
काबू
में
करने
के
वास्ते
किए
जाने
वाले
कदमों
के
बीच
अंतर
कर
सकता
है।
उन्होंने
कहा,
'आपदा,
सूखा,
चिंता
जैसे
हालात
को
काबू
में
करने
के
लिए
होने
वाले
उपायों
को
लोकलुभावन
व्यय
के
तौर
पर
नहीं
देखा
जा
सकता
है।'
कई
चुनौतियां
हैं
बरकरार
उन्होंने
कहा
कि
सरकार
को
कई
क्षेत्रों
में
सफलता
मिली
है,
लेकिन
कुछ
चुनौतियां
बरकरार
हैं।
उन्होंने
कहा,
'कुछ
चुनौतियां
ऐसी
हैं,
जिनके
लिए
हम
इंतजार
नहीं
कर
सकते
हैं।
इसलिए,
जाहिर
तौर
पर
उनका
हल
निकालना
जरूरी
होगा।
पहले
भी
ऐसा
हो
चुका
है।
इसलिए,
हम
परंपराओं
को
देखते
हुए
ही
काम
करना
चाहते
हैं।'
हालांकि
जेटली
ने
बजट
से
पहले
सरकार
की
योजना
के
बारे
में
संकेत
देने
से
परहेज
किया।
फिस्कल
डेफिसिट
से
बढ़ी
चिंता
उन्होंने
कहा
कि
आपात
स्थितियों
को
छोड़
दें
तो
सरकार
राजकोषीय
मजबूती
की
दिशा
में
आगे
बढ़
रही
है।
गौरतलब
है
कि
नवंबर
तक
ही
सरकार
बजट
के
अपने
3.3
फीसदी
फिस्कल
डेफिसिट
के
लक्ष्य
को
पार
कर
चुकी
है।
इकोनॉमिस्ट्स
ने
भी
चुनाव
से
पहले
सरकार
के
लोकलुभावन
ऐलान
करने
की
आशंकाएं
जताई
हैं,
जिनसे
फिस्कल
डेफिसिट
बढ़
सकता
है।
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