Budget 2019: 5 लाख नहीं 7 लाख रुपये की आय हुई टैक्स फ्री, जानिए कैसे
नई दिल्ली। बजट भाषण में पीयूष गोयल ने इनकम टैक्स छूट को लेकर बड़ा ऐलान किया है। इसमें उन्होंने आयकर की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की है, लेकिन वास्तव में यह टैक्स छूट 7 लाख रुपये तक हो सकती है। अगर इनकम टैक्स के नियमों का सही तरीके फायदा उठाया जाए तो कोई भी नौकरीपेशा साल में 7 लाख रुपये तक की अपनी आमदनी को टैक्स फ्री कर सकता है।
ऐसे मिलेगी 7 लाख रुपये की छूट
संसद में पेश अंतरिम बजट में पीयूष गोयल ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि नए वित्तीय वर्ष से देश के सभी लोगों की 5 लाख रुपये तक की आमदनी पूरी तरह से टैक्स फ्री होगी। अभी तक टैक्स छूट आय की यह सीमा 2.5 लाख रुपये की थी। इसके अलावा बजट में बताया गया है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। इस प्रकार नौकरीपेशा लोगों की साल में 5.5 लाख रुपये की आमदनी पूरी तरह से टैक्स फ्री हो जाएगी। इसके अलावा देश में सभी लोग 1.5 लाख रुपये तक का निवेश करके इनकम टैक्स बचा सकते हैं। इसमें इस बार के बजट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, यानी अगर आम करदाता 1.5 लाख रुपये का निवेश इनकम टैक्स बचाने के लिए करता है तो उसको यह टैक्स छूट और मिलेगी।
ऐसे हो सकती है 7 लाख रुपये की आय टैक्स फ्री
बजट भाषण में किए गए ऐलान के मुताबिक 5 लाख रुपये की पूरी आमदनी टैक्स फ्री होगी। इसके बाद 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। इसके बाद 1.5 लाख रुपये 80C के तहत निवेश करके टैक्स फ्री हो जाएगा। इस तरह से नौकरी पेशा की 7 लाख रुपये तक की पूरी आमदनी टैक्स फ्री हो जाएगी।
बजट 2019 के पहले का टैक्स स्लैब (60 साल तक की उम्र वालों के लिए)
-2.5
लाख
रुपये
की
आय
पूरी
तरह
से
टैक्स
फ्री
है।
-2.5
लाख
रुपये
से
5
लाख
रुपये
तक
की
आय
पर
लगता
है
5
फीसदी
टैक्स।
-5
लाख
रुपये
से
लेकर
10
लाख
रुपये
तक
की
आय
पर
है
20
फीसदी
टैक्स।
-10
लाख
रुपये
से
ऊपर
की
आय
पर
लगता
है
30
फीसदी
टैक्स।
इनकम टैक्स स्लैब (60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम)
-3 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह से टैक्स फ्री।
-3
लाख
रुपये
से
लेकर
5
लाख
रुपये
तक
की
आय
वालों
पर
5
फीसदी
टैक्स।
-5
लाख
रुपये
से
लेकर
10
लाख
रुपये
की
आमदनी
पर
20
फीसदी
टैक्स।
-10
लाख
रुपये
से
ऊपर
की
आमदनी
पर
30
फीसदी
टैक्स।
80
साल
से
ज्यादा
के
उम्र
के
लोगों
के
लिए
टैक्स
की
दर
-
80
वर्ष
से
अधिक
आयु
वाले
करदाता
को
5-10
लाख
रुपये
सालाना
आय
पर
20
फीसदी
टैक्स
और
10
लाख
रुपये
सालाना
से
अधिक
की
आय
पर
30
फीसदी
कर
देना
होता
है।