BSNL-MTNL की सैलरी की वजह से सरकार ने लिया VRS का फैसला: रवि शंकर प्रसाद
BSNL-MTNL की सैलरी की वजह से सरकार ने लिया VRS का फैसला: रवि शंकर प्रसाद
नई दिल्ली। लगातार घाटे में चल रही सरकारी टेलिकॉम कंपनियों की हालात सुधारने के लिए सरकार ने वीआरएस का फैसला लिया। केंद्र सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाली टेलीकॉम कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के लिए केंद्र सरकार ने एक रिवाइवल प्लान तैयार किया है। सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए वॉलेंटिरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) प्लान लॉन्च किया, जिसका रिस्पांस भी बेहतर मिला। बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने VRS के लिए आवेदन भरा है।
आज राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में जानकारी देते हुए दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल देश के रणनीतिक एसेट्स हैं। इसलिए हमने इनको रिवाइव करने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल पर कर्मचारियों की सैलरी का सबसे बड़ा बोझ है, जिसे कम करने के लिए ही वीआरएस स्कीम की शुरुआत की गई है। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि BSNL पर कर्मचारी लागत कुल राजस्व में से 75.06 फीसदी है। वहीं MTNL की 87.15 फीसदी है। जबकि निजी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल की कर्मचारी लागत कुल 2.95 फीसदी, वोडाफोन की 5.59 फीसदी और रिलायंस जियो की 4.27 फीसदी है।
उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों को देखें तो वोडाफोन से तुलना की जाए तो बीएसएनएल की कर्मचारी लागत 12 गुना से ज्यादा है। कर्मचारी लागत के ज्यादा बोझ को वीआरएस के जरिए कम किया जा सकता है । इसीलिए ये स्कीम लाई गई, जहां कर्मचारियों को आकर्षक पैकेज देने जा रहे हैं। आपको बता दें कि सोमवार तक बीएसएनएल-एमटीएनल के 92,000 से ज्यादा कर्मचारी वीआरएस के लिए आवेदन दिया है। वीआरएस के लिए आवेदन देने की सीमा 5 दिसंबर तक है।
Union Minister of Communications, Ravi Shankar Prasad in Rajya Sabha: This load had to be revived by proper Voluntary Retirement Scheme (VRS) package and we have given a very attractive VRS package, they are coming. (2/2) https://t.co/PoTAyODKsv
— ANI (@ANI) November 28, 2019