EPFO के आंकड़े से मोदी सरकार को राहत, मौजूदा वित्त वर्ष में नवंबर तक 62.38 लाख लोगों को मिला रोजगार
नई दिल्ली। केंद्र में एनडीए की सरकार के खिलाफ विपक्ष रोजगार के मुद्दे को लेकर सबसे ज्यादा हमलावर रहता है। विपक्ष का लगातार सरकार पर यह आरोप रहता है कि यह सरकार बिना रोजगार के विकास की ओर आगे बढ़ रही है और देश में बेरोजगारी अपने चरम पर है। लेकिन कर्मचारी भविष्य निधि संघठन के आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में रोजगार के अवसर में बढ़ोतरी देखने को मिली है। आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में नवंबर माह तक 62.38 लाख लोगो को औपचारिक क्षेत्र में रोजगार मिले हैं। '
नवंबर 2019 में 11.62 लाख लोगों को रोजगार
नवंबर 2019 की बात करें तो इस माह में 11.62 लाख लोगों को रोजगार मिला है। जबकि वर्ष 2018 के नवंबर माह में सिर्फ 4.3 लाख लोगों को नौकरी मिली थी। अक्टूबर 2019 की बात करें तो कुल 6.48 लाख लोगों को नौकरी मिली थी। हालांकि यह आंकड़े अंतिम नहीं है क्योंकि ईपीएफओ हर महीने अपने आंकड़ों को संशोधित करता रहता है। बिजनेस टुडे की खबर के अनुसार नवंबर 2017 से नवंबर 2019 के बीच कुल 1.39 करोड़़ नए रोजगार का सृजन हुआ है। यानि यह साफ तौर पर दिखाता है कि ये नौकरियां औपचारिक क्षेत्र में मिली हैं और इसे 27 माह के भीतर दिया गया है।
2018-19 की तुलना
सितंबर 2018 और मार्च 2018 के बीच रोजगार सृजन की बात करें तो कुल 15.53 लाख नौकरियों का ही सृजन हुआ था। जबकि 2019 में 61.12 लाख नौकरियों का सृजन हुआ था। जबकि वित्तीय वर्ष 2019 में नवंबर माह तक 62.38 लाख रोजगार का सृजन किया गया। आंकड़ों की मानें तो हर माह 5.14 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है।
इन महीनों में मिले अधिक रोजगार
वर्ष 2019 और 2019 में के आंकड़ों की तुलना करें तो 2018 अप्रैल और 2019 मार्च माह तक कुल 61.12 लाख लोगों को रोजगार मिला, जबकि अप्रैल 2019 में 6.44 लाख लोगों को रोजगार दिया गया। मई में 4.73 लाख लोगों को रोजगार मिला, जून में 7.96 लाख लोगों को, जुलाई माह में 8.77 लाख लोगों को, अगस्त माह में 7.68 लाख रोजगार, सितंबर माह में 8.68 लाख रोजगार, अक्टूबर माह में 6.48 लाख लोगों को और नवंबर माह में 11.63 लाख लोगों को रोजगार मिला।
इन महीनों में रोजगार में कमी
ईपीएफओ का कहना है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में 4.89 लाख नौकरियों में कमी आई है, वहीं जुलाई माह में 94889 और अक्टूबर माह में 91415, सितंबर माह में 80686 रोजगार में कमी आई। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी इकोरैप की रिपोर्ट में कहा कि आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी है जिसका सीधा असर रोजगार पर पड़ रहा है। जिसके चलते 16 लाख नौकरियों में कमी आई।