काम की खबर: बदल जाएगा आपका वोटर कार्ड, जानिए डिजिटल Voter ID कार्ड में क्या होगा खास
काम की खबर: बदल जाएगा आपका वोटर कार्ड, Aadhaar की तरह डिजिटल कार्ड बनाने की तैयारी
नई दिल्ली। Digital Voter Id. चुनाव आयोग ने वोटर कार्ड को लेकर बड़ी तैयारी कर ली है। जल्द ही आपका वोटर आईडी कार्ड पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगा, जिसे आप डिजिटल फॉर्मेंट में रख सकेंगे। चुनाव आयोग ने अगले साल पांच राज्यों में होने वाले चुनावों से पहले वोटर कार्ड को डिजिटल करने की तैयारी कर ली है। यानी अगले साल आप आधार कार्ड( Aadhaar Crad) की तरह ही अपने वोटर कार्ड को डिजिटल फॉर्मेंट में अपने पास रख सकेंगे।
बदल जाएगा आपका वोटर कार्ड
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग (Election Commission) वोटर कार्ड में बदलाव की तैयारी कर रहा है। अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले वोटर कार्ड को डिजिटल फॉर्मेट (Digital Voter Cards) में बदलने की तैयारी की जा रही है। चुनाव आयोग के इस कदम के बाद आपका मतदाता पहचान पत्र आधार की तरह हो जाएगा। इसे आपको साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। आप डिजिटल तरीकों से इसे अपने साथ रख सकते हैं।
क्या है चुनाव आयोग की तैयारी
दरअसल चुनाव आयोग मतदाताओं को इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) की सर्विस आसानी से मुहैया कराने की दिशा में यह कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। डिजिचल वोटर कार्ड को आप आसानी से इंटरनेट से डाउनलोड कर अपने पास सेव कर रख सकते हैं। इतनी ही नहीं इस डिजिटल कार्ड के जरिए आप अपना मतदान भी कर सकते हैं। इस सुविधा के चलते मतदाताओं को वोटर कार्ड मिलने में हो रही देरी के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। इतनी ही नहीं चुनाव आयोग को भी रिकॉर्ड में दर्ज सर्विस वोटर्स के लिए से आसान होगा।
दो क्यू कोड के संग होगा नया वोटर कार्ड
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नया डिजिटल वोटर कार्ड क्यूआर कोड से लैश होगा। डिजिटल वोटर कार्ड में दो क्यूआर कोड (QR Code) होंगे। इस क्यूआर कोड की जानकारी के आधार पर आप इस डिजिचल वोटर कार्ड की मदद से मतदान कर सकेंगे। आपकी सभी जानकारी इसी क्यूआर कोड में होगी। पहले क्यूआर कोड में मतदाता का नाम, लिंग, पिता का नाम और फोटो होगा तो दूसरे क्यूआर कोड में उसका पता, मतदाता सूची में क्रम संख्या आदि की जानकारी होगी। चुनाव आयोग ने डिजिटल वोटर कार्ड की सभी तैयारियों के साथ रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है। केंद्र की मंजूरी मिलते ही इसे अगले साल होने वाले चुनावों से पहले लागू कर दिया जाएगा।