BSNL के 1.76 लाख कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, दीवाली से पहले मिलेगी बकाया सैलरी
नई दिल्ली। सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL के कर्मचारियों को बड़ी राहत और खुशखबरी मिली है। लंबे वक्त से रुकी सैलरी के चलते माना जा रहा है कि बीएसएनएल के 1.76 लाख कर्मचारियों के परिवार में इस बार दीवाली नहीं मन पाएगी, लेकिन केंद्र सरकार ने दीवाली से पहले उन्हें बड़ा तोहफा दे दिया। सरकार ने दीवाली से पहले इन कर्मचारियों की बकाया सैलरी देने का फैसला किया है। दरअसल लगातार घाटे में चल रही बीएसएनएल के 1.76 लाख कर्मचारियों की सितंबर की बकाया सैलरी जल्द मिलेगी।
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बीएसएनएल के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी
लगातार घाटे में चल रही है BSNL के कर्मचारियों की सैलरी में लगातार हो रही देर के बाद कर्मचारी यूनियन ने शुक्रवार को एक दिन के भूख हड़ताल की धमकी दी। कर्मचारियों यूनियन की धमकी से पहले बीएसएनएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर पीके पुरवर ने कहा है कि जल्द से जल्द कर्मचारियों की बकाया सैलरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरी कोशिश की जा रही है कि दिवाली से पहले अपने संसाधनों के जरिये कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया जा सके।
बीएसएनएल के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी
लगातार
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में
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है
BSNL
के
कर्मचारियों
की
सैलरी
में
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देर
के
बाद
कर्मचारी
यूनियन
ने
शुक्रवार
को
एक
दिन
के
भूख
हड़ताल
की
धमकी
दी।
कर्मचारियों
यूनियन
की
धमकी
से
पहले
बीएसएनएल
के
चेयरमैन
और
मैनेजिंग
डायरेक्टर
पीके
पुरवर
ने
कहा
है
कि
जल्द
से
जल्द
कर्मचारियों
की
बकाया
सैलरी
दी
जाएगी।
उन्होंने
कहा
कि
पूरी
कोशिश
की
जा
रही
है
कि
दिवाली
से
पहले
अपने
संसाधनों
के
जरिये
कर्मचारियों
को
वेतन
भुगतान
किया
जा
सके।
सैलरी पर 850 करोड़ का खर्च
आपको बता दें कि सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL के कर्मचारियों की संख्या 1.76 लाख है। कंपनी इन कर्मचारियों की सैलरी पर प्रति माह 850 करोड़ रुपए खर्च करती है। वहीं कंपनी को हर माह 1,600 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित होता है, लेकिन फिर भी वेतन भुगतान की पूर्ती के लिए कंपनी के पास पर्याप्त उपलब्ध नहीं है। दरअसल कंपनी के मुताबिक उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा परिचालन खर्च आदि में खर्च हो जाता है।
13804 करोड़ रुपए का घाटा
बीएसएनएल को लगातार हो रहे घाटे के बाद कंपनी कर्मचारियों को सैलरी दे पाने में असमर्थ हो गई है। सरकार बीएससएनएल को घाटे से उबारने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। कंपनी सर्विसेज के जरिए हर महीने कंपनी को 1,600 करोड़ की आमदनी होती है, वहीं, सैलरी का खर्च 850 करोड़ रुपये है., लेकिन चूंकि कंपनी का ऑपरेशनल खर्च काफी ज्यादा है, इसलिए कंपनी को घाटा हो रहा है। टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को वित्त वर्ष 2019 में 13,804 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। सरकार बीएसएनएल को संकट से उबारने के लिए 4जी स्पेक्ट्रम का मिलना और वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम से कर्मचारियों की संख्या में कमी कर इसके घाटे को कम करना चाहती हैं, हालांकि इसमें वक्त लगेगा। वहीं वित्त मंत्रालय और पीएमओ ने बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए 50,000 करोड़ रुपए पूंजी प्रवाहित करने का पक्ष रखा। वहीं कैबिनेट बैठक में 13 हजार करोड़ रुपए के VRS प्लान पर भी सहमति बन सकती है।