मोदी सरकार के फैसले से MTNL-BSNL के 85000 कर्मचारियों को झटका,रिटायरमेंट उम्र 2 साल घटी
नई दिल्ली। लगातार घाटे में चल रही सरकारी टेलिकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) के 85000 कर्मचारियों पर नौकरी का संकट मंडराने लगा है। मोदी सरकार के फैसले से उनकी नौकरी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। दरअसल सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल के रिवाइवल के लिए प्लान तैयार किया है। मोदी सरकार के इस रिवाइवल प्लान के तहत MTNL और BSNL के कर्मचारियों की संख्या घटाकर आधी की जाएगी। मतलब लगभग 85000 कर्मचारियों को वीआरएस दिया जाएगा।
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MTNL-BSNL के 85000 कर्मचारियों को झटका
मोदी सरकार ने संकट में घिरे बीएसएनएल और एमटीएनएल को रास्ते पर लाने के लिए रिवाइवल प्लान तैयार किया है। मोदी सरकार के इस प्लान के तहत 85000 कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बनी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की इस रिवाइवल प्लान पर सहमति बन गई है और GoM ने इस प्लान को हरी झंडी दे दी है। ऐसे में इन कर्मचारियों को वीआरएस दिया जाएगा।
कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र में कटौती
इस
वाइवल
प्लान
के
तहत
सरकार
MTNL
और
BSNL
के
कर्मचारियों
की
रिटायरमेंट
उम्र
को
घटाने
जा
रही
है।
इन
विभाग
के
कर्मचारियों
की
रिटारमेंट
उम्र
अब
60
साल
से
घटाकर
58
साल
की
जाएगी।
स्पेशल
केस
के
तहत
कर्मचारियों
की
रिटायरमेंट
उम्र
कम
होगी।
वहीं
सरकार
MTNL
और
BSNL
के
50
साल
से
ऊपर
के
करीब
85000
कर्मचारियों
को
VRS
स्कीम
के
तहत
रिटारमेंट
देगी।
सरकार पर 40 हजार करोड़ का खर्च
आपको बता दें कि बीएसएनएल-एमटीएनएल मिलाकर 1.80 लाख कर्मचारी हैं। सरकार लगभग 85000 कर्मचारियों को VRS देने जा रही है तो लगभग इतने ही कर्मचारी बचेंगे। वहीं सरकार वीआरएस पर 40 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। गौरतलब है कि दोनों कंपनियों के ऊपर करीब 40,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। सरकार दोनों कंपनियों को मर्ज करने पर विचार कर रही है, जिसे सहमति भी मिल रही है।
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