Big News: BSNL-MTNL के लाखों कर्मचारियों पर मंडराया नौकरी जाने का खतरा, VRS दे सकती है सरकार
Big News: BSNL-MTNL के लाखों कर्मचारियों पर मंडारा नौकरी जाने का खतरा, VRS दे सकती है सरकार
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल और एमटीएलएन के कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ने लगी है। गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में मंत्रियों के एक समूह ने बीएसएनएल और एमटीएनएल की स्थिति को लेकर बैठक की, जिसमें चर्चा की गई की बीएसएनल और एमटीएनएल को वापस से रास्ते पर लाने के सरकार के पास अब सीमित विकल्प बचे हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक BSNL-MTNL को बचाए रखने के लिए बीएसएनएल और एमटीएनएल को पटरी पर लाने के लिए सीमित रास्ते हैं।
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मुश्किल में BSNL-MTNL के कर्मचारी
मुश्किल दौर से गुजर रही टेलिकॉम कंपनी BSNL-MTNL के कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। सरकार BSNL और MTNL में VRS (वॉलेन्ट्री रिटायरमेंट स्कीम) लागू करने पर विचार कर रही है। कंपनी की स्थिति ट्रैक पर लाने के लिए सरकार कर्मचारियों को वीआरएस देने पर विचार कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने इस मुद्दे पर चर्चा की और दोनों कंपनियों को रिवाइवल पैकेज के तौर पर 4G अलोकेशन पर भी फैसला लिया जा सकता है।
लाखों कर्मचारियों की नौकरी पर मंडारा खतरा
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार BSNL के लिए 6365 करोड़ रुपए और MTNL के लिए 2120 करोड़ रुपए का VRS पैकेज दे सकती है। सरकार दोनों कं पनियों में से कुल कर्मचारियों में से 60 प्रतिशत कर्मचारियों को VRS देने की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि BSNL में 1.66 लाख कर्मचारी और MTNL में 21,679 कर्मचारी हैं। सरकार इनमें से BSNL के 74,000 और MTNL के 12,500 कर्मचारियों को VRS देने की तैयारी कर रही है।
बीएसएनएल को बचाने के लिए सरकार की योजना
सरकार बीएसएनएल और एमटीएनएल को बचाने के लिए इन योजनाओं पर विचार कर रही है। सरकार कर्मचारियों को वीआरएस देकर कंपनी पर दवाब कम करना चाहती है। आपको बता दें कि कर्मचारी संघ कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने या VRS देने का लगातार विरोध कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे कर्मचारियों की तादाद 54 हजार के करीब हो सकती है।
लगातार घाटे में BSNL
आपको बता दें कि लंबे वक्त से BSNL घाटे में चल रहा है। वित्तीय वर्ष 2018-19 की बात करें तो BSNL का नुकसान 13,804 करोड़ रुपए रहा, जबकि वहीं साल 2016-17 में ये 4,793 करोड़ था। MTNL के घाटे की बात करें तो ये 2018-19 में करीब 3,398 करोड़ रहा, जबकि साल 2019-6-17 में ये 2,971 करोड़ था। आखिरी साल BSNL का रेवेन्यू 18,865 करोड़ था, जबकि साल 2016-17 से 31,533 करोड़ था। वहीं MTNL का रेवेन्यू 3,552 करोड़ रहा, जबकि साल साल 2018-19 नें ये 2,607 करोड़ रहा। जानकारों के मुताबिक कड़ी प्रतिस्पर्धा और टैरिफ कम होने के कारण, बीएसएनएल पिछले कुछ महीनों से वित्तीय संकट का सामना कर रही है।