Good News: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 10 लाख लोगों की सैलरी में होगी डबल बढ़ोतरी!
नई दिल्ली। मोदी सरकार एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही है। सरकार अब केंद्रीय कर्मचारियों के संदर्भ में एक और बड़ा फैसला लेने जा रही है। केंद्र सरकार के इस फैसले का असर 10 लाख कर्मचारियों की सैलरी पर होगा। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले 10 लाख अनियमित कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी है। सरकार इन कर्मचारियों के लिए ऐसा फैसले लेने जा रही है, जिसकी वजह से इनकी सैलरी में बढ़ोतरी होगी।
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केंद्र सरकार का एक और फैसला
मोदी सरकार 10 लाख अनियमित कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी देने की तैयारी में है। कहा जा रहा है कि इन कर्मचारियों के लिए सरकार ने दीवाली मनाने का प्रबंध कर दिया है। सरकार इन सभी कर्मचारियों को अब नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन देने की तैयारी में है। मोदी सरकार का मानना है कि दोनों ही बराबर काम (Equal Pay for Equal Work) करते हैं, ऐसे में उन्हें एक समान सैलरी मिलनी चाहिए।
बढ़ेगी इन कर्मचारियों की सैलरी
रिपोर्ट
के
मुताबिक
प्रधानमंत्री
कार्यालय
(PMO)
के
अधीन
कार्मिक
और
प्रशिक्षण
विभाग
(DoPT)
द्वारा
इस
बारे
में
आदेश
जारी
किया
गया
है।
इसके
तहत
कहा
गया
है
कि
सभी
अनियमित
कर्मचारियों
को
8
घंटे
काम
करने
पर
उसी
पद
पर
काम
करने
वाले
नियमित
कर्मचारियों
के
वेतनमान
के
तहत
ही
सैलरी
मिलेगी।
उन
कर्मचारियों
को
भी
नियमित
कर्मचारियों
के
सामान
न्यूनतम
मूल
वेतन
और
महंगाई
भत्ते
के
बराबर
ही
भुगतान
होगा।
सरकार
के
आदेश
संख्या
49014/1/2017
के
अनुसार
उन्हें
नियमित
रोजगार
पाने
का
हक
नहीं
होगा।
सैलरी में दोगुनी बढ़ोतरी
अब
तक
अनियमित
कर्मचारियों
को
वर्तमान
में
संबंधित
राज्य
सरकारों
का
तय
किया
न्यूनतम
वेतन
ही
दिया
जाता
था।
अब
इनकी
सैलरी
दोगुनी
हो
जाएगी।
अगर
उदाहरण
के
तौर
पर
समझे
तो
दिल्ली
ने
अकुशल
श्रमिकों
को
वर्तमान
में
14,000
रुपए
प्रति
महीने
का
वेतन
तय
है,
लेकिन
मोदी
सरकार
के
इस
आदेश
के
बाद
उनकी
सैलरी
अब
नियमित
कर्मचारियों
के
तरह
ही
30,000
रुपए
प्रति
महीने
हो
जाएगी।
सभी विभागों को भेजा गया आदेश
मोदी
सरकार
के
इस
आदेश
को
सभी
मंत्रालयों
और
विभागों
को
भेज
दिया
गया
है।गौरतलब
है
कि
मोदी
सरकार
के
DoPT
का
यह
आदेश
समान
कार्य
के
लिए
समान
वेतन
के
सुप्रीम
कोर्ट
के
आदेश
के
बाद
आया
है।
हालांकि
जानकारों
का
कहना
है
कि
यह
आदेश
चूंकि
DoPT
के
जरिए
जारी
किया
गया
है,
इसलिए
यह
सिर्फ
केंद्रीय
कर्मचारियों
पर
लागू
होगा,
अगर
यही
आदेश
श्रम
मंत्रालय
जारी
करता
तो
यह
सभी
कर्मचारियों
पर
भी
लागू
होता।