मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला: PNB में होगा इन दो बैंकों का विलय, इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का मर्जर
नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में जुटी मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार सरकारी बैंकों को घाटे से उबारने के लिए विलय का रास्ता चुना है। पहले देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 6 बैंकों को विलय किया गया। फिर बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय किया गया और अब पंजाब नेशनल बैंक में दो बैंकों के विलय का फैसला किया गया। इतना ही नहीं इंडियन बैंक में इलाहाबाद के मर्जर को मंजूरी दी गई।
बैंकों का विलय
भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की कोशिश में जुटी मोदी सरकार ने एक बार फिर से बड़ी घोषणाएं की है। देश की इकोनॉमी की सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर से बड़े फैसले किए हैं। लंबे वक्त से एन पीए से जूझ रही सरकारी बैंकों की घाटे से उबारने के लिए सरकार ने विलय का फैसला लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बड़े बैंकिंग सुधारों का ऐलान करते हुए सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की। इसमें 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 बड़े सरकारी बैंक बनाने का एलान किया गया। सरकार ने पीएनबी, ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा। ये दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा।
10 सरकारी बैंकों का विलय
मोदी
सरकार
ने
बड़ा
फैसला
लेते
हुए
PNB
में
ओरिएंटल
बैंक
ऑफ
कॉमर्स
और
यूनाइटेड
बैंक
के
विलय
का
आदेश
दिया।
वहीं
कैनरा
बैंक
का
सिंडिकेट
बैंक
में
विलय
करने
का
फैसला
किया।
इसके
बाद
इंडियन
बैंक
और
इलाहाबाद
बैंक
के
विलय
को
मंजूरी
दे
दी।
वित्त
मंत्री
ने
यूनियन
बैंक
का
आंध्रा
बैंक
और
कॉर्पोरेशन
बैंक
के
साथ
विलय
करने
का
फैसला
किया।
कर्मचारियों को नहीं होगा कोई नुकसान
डीएफएस के सचिव राजीव कुमार ने बैंकों के विलय को लेकर किए गए ऐलान को लेकर कहा कि इस विलय से बैंक के कर्मचारियों को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने ये भी कहा कि बैंकों के विलय का असर ग्राहकों पर भी नहीं होगा। ग्राहकों को बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय से भी दिक्कत नहीं हुई थी। इस विलय से भी उनको दिक्कत नहीं होगी।
बैंकों को मिलेगी इतनी रकम
वित्त
मंत्री
ने
विलय
के
बाद
बड़े
बैंकों
को
दी
जाने
वाली
रकम
का
भी
ऐलान
किया।
पीएनबी
को
सरकार
16
हजार
करोड़
रुपए,
यूनियन
बैंक
को
11700
करोड़
रुपए
देने
का
ऐलान
किया।
वहीं
मोदी
सरकार
की
ओर
से
आईओबी
का
3800
करोड़
रुपए,
सेंट्रल
बैंक
को
3300
करोड़
यूको
बैंक
को
2100
करोड़
रुपए
का
लाभ
देने
का
वादा
किया
गया
है।
यूनाइटेड
बैंक
ऑफ
इंडिया
को
1600
करोड़
रुपए
दिए
जाएंगे।
जबकि
पंजाब
और
सिंध
बैंक
को
750
करोड़
रुपए
मिलेंगे।
उन्होंने
कहा
कि
बैंक
कर्मचारियों
को
किसी
तरह
का
नुकसान
नहीं
होगा।
बने रहेंगे ये बैंक
बैंकों के विलय के बाद बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि बैंक के बोर्ड फैसला लेने के स्वतंत्र रहेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि 18 में से 14 सरकारी बैंक प्रॉफिट में हैं। वहीं जानकारी दी की हाउसिंग फाइनेंस को 3300 करोड़ रुपये का सपोर्ट सरकार देगी।