मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला, इन छह सरकारी बैंकों के विलय को दी मंजूरी, करोड़ों खाताधारकों पर पड़ेगा असर
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बैंकों की खस्ताहालत सुधारने के लिए बैंकों के विलय का फैसला लिया। सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक तैयार करने का फैसला लिया, जिसपर अब अमल किया जा रहा है। वित्त मंत्रालय ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India)को अन्य सरकारी बैंकों के साथ विलय के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। 13 नवंबर को वित्त मंत्रालय की ओर से इन दोनों बैंकों को आदेश की कॉपी मिल गई है। दोनों बैंकों ने इसकी जानकारी दी और कहा कि सरकार की ओर से उन्हें मर्जर के लिए मंजूरी मिल गई। अब वो इस दिशा में आग बढ़ रहे हैं। सरकार की मंजूरी के बाद 6 बैंकों का आपस में विलय हो जाएगा और दो बड़े बैंक तैयार होंगे।
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बैंकों के विलय को मिली मंजूरी
पंजाब नेशनल बैंक ने जानकारी दी कि बैंक को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाओं के विभाग से 13 नवंबर को एक पत्र मिला है, जिसमें बताया गया कि सरकार ने उसके साथ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद अब मर्जर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस विलय के बाद बैंक का कारोबार 15 लाख करोड़ रूपए का हो जाएगा।
क्या होगा खाताधारकों पर असर
बैंकों के विलय की बात करें तो दो बैंकों का विलय पीएनबी में होगा। ऐसे में खाताधारकों पर असर पड़ना तय है। हालांकि वित्त मंत्रालय ने भरोसा दिलाया है कि खाताधारकों की जमापूंजी पर कोई असर नहीं होगा। उनके कर्ज की ब्याज दर, एफ डी की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। लेकिन खाताधारकों की काजगी कार्रवाई बढ़ जाएगी। आइए जानें कि खाताधारकों पर क्या पड़ेगा असर?
- बैंकों के मर्जर से ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। इसके लिए बैंकों के चक्कर लगाने पर सकते हैं।
- बैंकों के विलय के बाद जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे। उन्हें ये जानकारी अपने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम आदि में अपटेड करवाने होंगे। ऐसे में आपको थोड़ी भागदौड़ करनी पड़ सकती है।
- विलय के बाद ग्राहकों को SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।
- वहीं बैंकों के मर्जर के बाद नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू किए जाएंगे, जिसके लिए आपको बैंक के ब्रांच जाना पड़ सकता है।
- विलय के बाद FD या रेकरिंग डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा। वित्त मंत्रालय ने साफ कहा है कि बैंकों में जमापूंजी पर कोई असर नहीं होगा।
- वहीं आपने जिन ब्याज दरों पर ऑटो लोन, होम लोन , पर्सनल लोन लिया है उसमें भी कोई बदलाव नहीं होगा।
- हालांकि बैंकों की कुछ शाखाएं बंद हो सकती इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है।
- वहीं मर्जर के सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा।
किन बैंकों के मर्जर को मिली मंजूरी
केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स का विलय पंजाब नेशनल बैंक में करने को मंजूरी दे दी है। वहीं सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में होना है। इसके अलावा आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में करने को भी मंजूरी मिल गई है।
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