मोदी सरकार इन निजी कंपनियों को देगी 3600 करोड़ की सब्सिडी, भारतनेट के दूसरे चरण में रिलायंस जियो ने दी सबसे अधिक फीस
नई दिल्ली। भारतनेट प्रोजेक्ट का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 31,000 करोड़ रुपए रखी गई है। सरकार की योजना है कि इस प्रोजेक्ट के तहत सभी पंचायतों में मार्च 2019 तक हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड पहुंचाया जाए। दूसरे चरण की घोषणा दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने सोमवार को की है। उनके साथ मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश डावडेकर और बिहार के उप मुख्य मंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे। दूसरे चरण के तहत सरकार की योजना करीब 1.5 लाख ग्राम पंचायतों तक फाइबर नेटवर्क पहुंचाने की है। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि भारतनेट प्रोजेक्ट के तहत बैंडविथ की कीमतों को सरकार ने करीब 75 फीसदी तक कम किया है, जिससे टेलिकॉम ऑपरेटर्स को सस्ती दरों में ब्रॉडबैंड सेवाएं मुहैया कराने में आसानी होगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारतनेट का पहला चरण इस साल के अंत तक खत्म हो जाएगा।
जियो ने दी सबसे अधिक फीस
इस प्रोजेक्ट के लिए रिलायंस जियो ने सबसे अधिक एडवांस फीस दी है। जियो ने 30,000 ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड सेवाएं पहुंचाने के लिए 13 करोड़ रुपए की एडवांस सब्सक्रिप्शन फीस दी है। इस फीस में जीएसटी भी शामिल है। जियो ने बताया कि सरकार भारतनेट का विस्तार कर रही है और हमने यह फैसला किया है कि शुरुआत में इस चरण में हम 30,000 ग्राम पंचायतों को कवर करेंगे।
सरकार देगी 3600 करोड़ की सब्सिडी
मोदी सरकार ने भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, आइडिया सेल्युलर और रिलायंस जियो जैसी निजी कपनियों को 3600 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने का प्रस्ताव दिया है। यह सब्सिडी भारतनेट के दूसरे चरण में दी जा रही है, ताकि कंपनियां किफायती दरों पर ग्रामीण इलाकों में वाईफाई लगाकर ब्रॉडबैंड सुविधा मुहैया करा सकें।
अन्य कंपनियों ने दी इतनी फीस
रिलायंस जियो के अलावा भारती एयरटेल ने 5 करोड़ रुपए की फीस दी है। वहीं वोडाफोन ने 1 लाख रुपए और आइडिया सेल्युलर ने 5 लाख रुपए की एडवांस फीस जमा की है। इस तरह देखा जाए तो रिलायंस जियो की 13 करोड़ रुपए की फीस सबसे अधिक है। मनोज सिन्हा ने बताया कि करीब 48,000 गांवों में ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं, जबकि करीब 75,000 गांवों में सेवा शुरू होने के लिए तैयार है।