Alert! खतरे में आपका आधार-PAN कार्ड, इंटरनेट पर बिक रही हैं 1 लाख भारतीयों के दस्तावेजों की स्कैन कॉपी
नई दिल्ली। अगर आपके पास आधार कार्ड(Aadhaar Card) , पैन कार्ड( PAN Card), पासपोर्ट( Passport) जैसे पहचान पत्र है तो ये खबर आपको झटका दे सकती है। दरअसल इंटरनेट पर 1 लाख से अधिक भारतीयों की आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट की स्कैन कॉपी बिक्री के लिए उपलब्ध है। जी हां ये दावा किया है साइबर इंटेलीजेंस से जुड़ी कंपनी साइबल (Cyble) ने। सिक्योरिटी फर्म साइबल ने दावा किया है कि इंटरनेट के डार्क नेट (Dark Net) पर 1 लाख से अधिक भारतीयों के दस्तावेजों की स्कैन कॉपी बिक्री के लिए उपलब्ध है।
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इंटरनेट पर बिक रही है आपके आधार-पैन की स्कैन कॉपी
स्कियोरिटी फर्म साइबल की रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट के डार्क इंटरनेट सेक्शन में 1 लाख भारतीयों के पहचान पत्रों की स्कैन कॉपी बेचे जा रहे हैं। इन डॉक्यूमेंट्स में आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट जैसे अहम दस्तावेज हैं। साइबल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऐसा लग रहा है कि ये दस्तावेज किसी सरकारी सिस्टम से नहीं बल्कि किसी थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म से लीक हुए हुए हैं। सिक्योरिटी फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि स्कैन कॉपी को देखकर लग रहा है कि ये दस्तावेज किसी कंपनी के डेटाबेस से लीक हुए है। ऐसी किसी कंपनी, जिसने KYC के लिए अपने ग्राहकों के दस्तावेजों की स्कैन कॉपी ली होगी।
ऐसे हो रही है आपके डॉक्यूमेंट की सेल
साइबल के शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वो एक ऐसे डार्क नेट के संपर्क में आए, जिसने दावा किया कि उसके पास 1 लाख से ज्यादा भारतीयों के पहचान पत्रों की स्कैन कॉपी है। ये दस्तावेज भारत के अलग-अलग हिस्सों के लोगों के है। शोधकर्ताओं ने कहा कि पहले उन्हें उसकी बातों का भरोसा नहीं हुआ, लेकिन जब उन्होंने उससे 1000 पहचान पत्रों की कॉपी हासिल कर उसके भारतीय पहचान पत्र होने की पुष्टि की, जब जाकर उन्हें विश्वास हुआ कि वो सच बोल रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि हम इस पर अभी और शोध कर रहे हैं और जल्द ही अपटेड देंगे। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी करने वाले हैकर्स इस तरह की डेटा लीक का इस्तेमाल कर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।
क्या होगा है डार्क नेट
आपको बता दें कि डार्क नेट इंटरनेट का ऐसा सेक्शन है ,जिसका इस्तेमाल आसानी से नहीं किया जा सकता है। डार्क नेट के इस्तेमाल के लिए अलग सॉफ्टेवेयर की जरूरत पड़ती है। इस डार्क नेट का इस्तेमाल आम तौर पर तस्करी, आंतकवाद और दूसरे अवैध कामों के लिए किया जाता है। ये इंटरनेट का ऐसा हिस्सा होता है, जो सामान्य सर्च से बिल्कुल अलग होता है। इसका एक्ससे बिना स्पेशल सॉफ्टवेयर के संभव नहीं है।
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