सरकारी आदेश को किया नजरअंदाज, बैंक अभी भी काट रहे ट्रांजैक्शन चार्ज
सरकार के आदेश का उल्लंघन करते हुए अभी भी बैंक मनमानी करते हुए पेट्रोल और डीजल की खरीद पर लोगों से ट्रांजैक्शन चार्ज वसूल रहे हैं। इसे लेकर कई लोगों ने पत्र लिखकर ऑयल मिनिस्ट्री से शिकायत की है।
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए अहम कदम उठाते हुए आदेश जारी किया था कि डेबिट कार्ड से पेट्रोल या डीजल की खरीद पर ट्रांजैक्शन चार्ज न वसूलने का आदेश दिया गया था। सरकार के आदेश का उल्लंघन करते हुए अभी भी बैंक मनमानी करते हुए पेट्रोल और डीजल की खरीद पर लोगों से ट्रांजैक्शन चार्ज वसूल रहे हैं। इसे लेकर कई लोगों ने पत्र लिखकर ऑयल मिनिस्ट्री से शिकायत की है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक इस मामले पर वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर बैंकों से बात की जा रही है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस पर कहा है कि सरकार के आदेश के विपरीत जिन लोगों से पैसे वसूले गए हैं, उन्हें पैसे वापस दिए जाएंगे। इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से भी आदेश जारी किया गया था ग्राहकों पर फीस का बोझ नहीं पड़ना चाहिए, बल्कि यह फीस मर्चेंट से वसूली जानी चाहिए। वहीं दूसरी ओर, इस आदेश का विरोध करते हुए पेट्रोल पंपों ने कहा था कि उनका लाभांश पहले से ही कम है और ऐसे में अगर फ्यूल सरचार्ज भी उन्हीं को देना पड़ेगा तो इससे उन्हें बहुत अधिक नुकसान होगा। ये भी पढ़ें- तीन के बाद सोमवार को खुले बैंक, मगंलवार को फिर होगी हड़ताल, हो सकती है परेशानी
इसके बाद मोदी सरकार ने कहा था कि सरचार्ज को पेट्रोल पंप नहीं, बल्कि तेल कंपनियों को चुकाना होगा। सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि बैंकों को रोजाना कार्ड से खरीदे गए पेट्रोल और डीजल की जानकारी तेल कंपनियों को देनी होगी, जिससे उन्हें सरचार्ज मिलेगा। इस इस आदेश का उल्लंघन करते हुए कई बैंक अभी भी लगातार ट्रांजैक्शन चार्ज वसूल कर रहे हैं।