इस सरकारी बैंक ने मिनिमम बैलेंस के नियमों में किया बदलाव, 1 फरवरी से लागू होगा नया रूल
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा में जल्द ही देना बैंक और विजया बैंक का विलय होने वाला है। इस विल. से पहले बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने मिनिमम बैलेंस के नियम में बदलाव किया है। बैंक ने अपने एक सेविंग्स अकाउंट के लिए मिनिमम क्वार्टरली एवरेज बैलेंस बढ़ा दी है। BOB ने बड़ौदा एडवांटेज सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस के लिए नया नियम तैयार किया है, जिसके तहत 1 फरवरी 2019 से इस सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने के नियम में बदलाव लागू हो जाएगा। आइए जानें विस्तार से...
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बैंक ऑफ बड़ौदा के कस्टमर्स ध्यान दें
बैंक ऑफ बड़ौदा ने बड़ौदा एडवांटेज सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस के मिनिमम बैलेंस के नियम में बदलाव किया है। बैंक ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी है कि बड़ौदा एडवांटेज सेविंग्स अकाउंट के लिए नया मिनिमम क्वार्टरली एवरेज बैलेंस 1 फरवरी, 2019 से प्रभावी होगा। इसके तहत इस सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस का नियम में बदलाव हो जाएगा।
कितना रखना होगा मिनिमम बैलेंस
बैंक ऑफ बड़ौदा के बड़ौदा सेविंग्स अकाउंट के लिए अब मेट्रो और शहरी ब्रांचों में मिनिमम क्वार्टरली बैलेंस 1000 रुपए की जगह 1 फरवरी 2019 से आपको अपने खाते में कम से कम 2000 रुपए रखने होंगे। वहीं अर्ध-शहरी इलाके में अगर आपका खाता है तो आपको अपने अकाउंट में अब 500 रुपए के बजाए 1000 रुपए रखना होगा। बैंक ने ग्रामीण इलाके के लिए नियम में कोई बदलाव नहीं किया है। ग्रामीण ब्रांचों में बैलेंस आगे भी वही रहेगा, जो अभी है।
देना होगा जुर्माना
अगर आप अपने खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर आपको जुर्माना भरना होगा, जो आपके खाते की रकम से काट ली जाएगी। बैंक ऑफ बड़ौदा की वेबसाइट के मुताबिक बैंक के अलग-अलग सेविंग्स अकाउंट के लिए मिनिमम क्वार्टरली बैलेंस नहीं रखने पर आपको पेनेल्टी के तौर पर 1000 रुपए और जीएसटी देनी होगी।