मंदी की चपेट में ऑटो सेक्टर, कैंपस हायरिंग में बड़ी कटौती के संकेत
मुंबई। ऑटो सेक्टर में मंदी की वजह से कंपनियां हायरिंग करना बंद कर दी है। आमतौरपर सालाना होने वाली हायरिंग की तुलना में इस साल आधे से भी कम हायरिंग हुई है। ऑटो सेक्टर में मंदी का असर शेयर बाजार पर भी पड़ा है। ऑटो सेक्टर के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी और अशोक लेलैंड ने कैंपस से प्रेशर्स हायर करने में कटौती की है।
खबर तो यह भी है कि देश के सबसे बड़े यूटिलिटी वाहन और ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनी महिंद्रा ने कैंपस हायरिंग लगभग आधा कर दिया जाएगा। मुख्य सचिव अधिकारी राजेश्वर त्रिपाठी ने कहा है कि जहां हमें 400 लोगों की जरूरत पड़ती है वहां हम इस साल लगभग 200 लोगों को ही हायर करेंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी की निगाह अब नए सिरे से काम करने और उत्पादकता बढ़ाने का है।
ईटी की रिपोर्ट की माने तो मारुति और अशोक लेलैंड की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार वाहनों की बिक्री में जुलाई में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। वाहनों की बिक्री में 19 प्रतिशत से भी ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। वहीं यात्री वाहनों की बिक्री में 31 प्रतिशत की गिराटव देखने को मिली है।
टाटा मोटर्स के पूर्व मुख्य मानव संसाधन अधिकारी प्रबीर झा ने कहा है कि ऑटो सेक्टर में मंदी के साथ कंपनियों पर कैंपस हायरिंग का दबाव होगा। बता दें कि बजट में सरकार के कुछ फैसलों का असर ऑटो सेक्टर पर बहुत गहरा असर डाल दिया है। इनमें जीएसटी भी शामिल है। क्योंकि जीएसटी की वजह से गाड़ियों की कीमत में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिसकी वजह से लोग गाड़ी खरीदने से कतरा रहे हैं।
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