'मेक इन इंडिया' पर जेटली- रिजर्व बैंक गवर्नर भिड़े
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। केन्द्र की मोदी सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम पर केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और रिजर्व बैंक आफ इंडिया गवर्नर रघुराम राजन आमने -सामने हैं। राजन ने हाल ही में 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की आलोचना की थी।
आज जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों के विमिर्नाण से जुड़ा है और यह प्रासंगिक नहीं है कि इसे भारत में बेचा जाता है या विदेश में।
राजन ने निकाली कमियां
बता दें कि इसी महीने राजन ने नई सरकार के मेक इन इंडिया अभियान के बारे में आगाह करते हुए कहा था कि यह चीन के निर्यात केंद्रित वृद्धि मार्ग का अनुसरण है जबकि इसे मेक फॉर इंडिया होना चाहिए जो घरेलू बाजार के लिए उत्पाद विनिर्माण पर केंद्रित हो।
जेटली ने की खिंचाई
राजधानी के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेटली ने इशारों-इशारों में राजन की खिंचाई करते हुए कहा कि मेक इन इंडिया के तहत उत्पाद भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बनाए जाते हैं या बाहर के उपभोक्ताओं के लिए, यह प्रासंगिक नहीं हैं। आज का सिद्धांत यह है कि विश्व भर के उपभोक्ता ऐसे उत्पाद पसंद करते हैं जो सस्ते और अच्छी गुणवत्ता वाले हों।
मेक इन इंडिया कार्यक्रम के पक्ष में बोलते हुए जेटली ने कहा विनिर्माण क्षेत्र में प्रवेश प्रक्रिया आसान बनानी होगी। अपनी आरंभिक बाधाएं कम करनी होगी और शायद खत्म भी करनी होंगी।
वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार कहते हैं कि राजन और जेटली के बीच मेक इन इंडिया कार्यक्रम पर चली इस टीका-टिप्पणी के बाद साफ है कि इन दोनों के बीच संवाद में कमी है। कायदे से रिजर्व बैंक प्रमुख सरकार की नीतियों का समर्थन करता है, ना कि उनकी निंदा।