महंगे सिलेंडर के बाद एक और झटका: खुदरा के बाद थोक महंगाई भी बढ़ी, खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़े
नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई के बीच आम आदमी की जेब पर एक और बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आधिकारिक आंकड़े जारी किए। इसमें बताया गया कि थोक मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर अब जनवरी 2020 में 3.1 प्रतिशत हो चुकी है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ा है, जनवरी 2019 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 2.76 प्रतिशत थी। जबकि पिछले महीने दिसंबर में यह 2.59 फीसदी थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में पिछले तीन महीने से लगातार वृद्धी हो रही है।
वहीं, पिछले दिनों सरकार द्वारा जारी किए गए रिटेल महंगाई के आकड़ों में भी बढ़त देखी गई थी। जनवरी में रिटेल महंगाई 7.59 फीसदी पर पहुंच चुकी है। इसके एक महीने पहले यानी कि दिसंबर महीने में रिटेल महंगाई दर 7.35 फीसदी दर्ज की गई थी। मोदी सरकार के लिए यह बहुत बड़ा झाटका है क्योंकि यूपीए सरकार के दौरान 2014 के बाद से यह सबसे ऊंचे स्तर पर चली गई है। इसकी वजह से खाने-पीने के सामान में काफी उछाल आया है।
गौरतलब है कि खुदरा मुद्रास्फीति में दर्ज की गई तेजी पहले से ही सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर रहा है। जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में भारतीय बाजारों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा, एक ही समय पर आर्थिक गतिविधियों में ठहराव और उच्च मुद्रास्फीति की स्थिती भारत फंस सकता है। खुदरा मुद्रस्फीति में खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी, 2020 में यह 13.63 फीसदी रही जिसमें एक साल पहले 2019 के इसी महीने में 2.24 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। राहत की बात यह है कि दिसंबर में महीने के मुकाबले खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट आई है, पिछले महीने यह 14.19 फीसदी पर पहुंच गया था।
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