भारत में जल्द खत्म होगी अमेजन-फ्लिपकार्ट की मोनोपॉली, आने वाली है स्वदेशी ई-कॉमर्स कंपनी
नई दिल्ली। जल्द आपके हाथ एक ऐसा स्वदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म होगा, जहां से आप ई-कॉमर्स क्षेत्र की बड़ी-बड़ी कंपनियों की तरह ऑनलाइन सामान आर्डर करके मंगा सकेंगे। बड़ी खबर यह है कि यह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सरकारी होगी। जी हां, भारत सरकार यह ई-कॉमर्स फ्लेटफॉर्म निर्माण का बीड़ा उठाया है, जिसको विकसित करने की जिम्मेदारी डिमार्टमेंट फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड यानी डीआईपीआईआईटी की दी गई है। यह प्लेटफॉर्म पूर्णतयाः स्वदेशी होगा, क्योंकि फ्लिपकार्ट का स्वामित्व भारतीय मालिकों से निकलकर अब वॉलमर्ट को शिफ्ट हो गया है।
अब
तक
दर्जनों
अभिनेत्रियां
चुन
चुकी
है
विदेशी
दुल्हे
को
जीवनसाथी,
कतार
में
है
कई
और
बड़े
नाम
सरकार ने स्वदेशी ई-कॉमर्स को लेकर एक संचालन कमेटी का गठन किया
रिपोर्ट के मुताबिक पूर्ण स्वदेशी ई-कॉमर्स को लेकर सरकार ने एक संचालन कमेटी का गठन किया है, जिसे ओपेन नेटवर्क फॉस्वर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) नाम से जाना जाएगा। इस कमेटी का काम एक ई-कॉमर्स कंपनी को लेकर एक पॉलिसी बनाने से लेकर उसे लागू कराने की जिम्मेदारी होगी। साथ, इसकी जिम्मेदारी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए पाॉलिसी तैयार करने की भी होगी।
इस पहल का मकसद भारत में एक स्वदेशी ई-कॉमर्स खड़ा करना है
सरकार की इस पहल का मकसद देश में एक स्वदेशी ई-कॉमर्स खड़ा करना है, जिसे सरकार की ओर से सहायता प्राप्त होगी। सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म समिति के अध्यक्ष के तौर पर सीनियर डीपीआईआईटी अधिकारी को चुना गया है। साथ ही, सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की कमेटी में डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स, इलेक्ट्रानिक्स मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, MSME मंत्रालय और नीती आयोग के प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा।
कैट लंबे वक्त से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों का विरोध करता रहा है
इसके अलावा क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन आदिल जैनुलभाई, एनपीसीआई टेक्नोलॉजी के सीईओ दिलीप अस्बे, एनएसडीएल टेक्नोलॉजी के सीईओ सुरेश सेठ भी इस कमेटी के हिस्सा होंगे। इसके अलावा इंडस्ट्री इनपुट के लिए कैट (CAIT) के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा। हालांकि कैट लंबे वक्त से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों का विरोध करता रहा है।
वर्तमान समय में भारत दुनिया का सबसे बड़े कंज्यूमर मार्केट है
गौरतलब है दुनिया के सबसे बड़े कंज्यूमर मार्केट यानी भारत में वर्तमान में अमेजन और फ्लिपकॉर्ट शीर्ष ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म हैं, जिनका भारत के ई-कॉमर्स मार्केट में ज्यादातर हिस्सेदारी है। सरकार इसी मोनोपॉली को तोड़ने और स्वदेशी ब्रांड को खड़ा करने के लिए एक सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म विकसित कर रही है।
सरकारी ई-कॉमर्स कंपनी से अमेजन और फ्लिपकॉर्ट को लगेगा झटका
माना जा रहा है कि सरकारी ई-कॉमर्स कंपनी के आने से अमेजन और फ्लिपकॉर्ट को जोरदार झटका लग सकता है अगर सरकारी ई-कॉमर्स कंपनी दोनों शीर्ष ई-कॉमर्स खिलाड़ियों की तरह कंज्यूमर को प्रोफेशनल सुविधा देने सफल होती हैं।
यह कदम प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर योजना के लक्ष्य को साधेगा
यह इनिशिएटिव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर वोकल और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत शुरू किया गया है, जिसका लक्ष्य स्वदेशी को बढ़ावा देना और लोकल को प्राथमिकता देना है। माना जा रहा है यह कदम प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर योजना के लक्ष्य को साधने में एक बड़ा कदम साबित होगा और यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में बड़ा योगदान निभा सकता है, क्योंकि महामारी के चलते लोगों की ई-कॉमर्स पर निर्भरता बढ़ी है।