12 दिसंबर से बंद हो जाएगी SBI की एक और सर्विस, पैसों का लेनदेन में होगी मुश्किल
नई दिल्ली। अगर आपका खाता देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI में हैं तो 12 दिसंबर से आपके लिए एक और सर्विस बंद हो जाएगी। जी हां SBI कस्टमर्स के लिए 12 दिसंबर से एक और व्यवस्था में बदलाव हो रहा है, जिसके बाद आपको लेन-देन में परेशानी की सामना करना पड़ सकता है। दरअसल 12 दिसंबर से बैंक नॉन सीटीएस चेक स्वीकार नहीं करेगा। रिजर्व बैंक के निर्देश को मानते हुए बैंक अगले साल यानी 1 जनवरी 2019 से नॉन-CTS चेक क्लियर नहीं करेंगे। बैंक ने इसके लिए 12 दिसंबर डेडलाइन तय की है। मतलब ये कि 12 दिसंबर से ही नॉन-CTS चेक स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
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SBI की एक और सर्विस बंद
12 दिसंबर के बाद से SBI की एक और सर्विस बंद हो जाएगी। बैंक 12 दिसंबर के बाद केवल CTS चेक्स ही क्लियर करेगा। जहां अन्य बैंकों ने इसके लिए RBI के नियमों को मानते हुए जनवरी 2019 की तारीख तय की है तो वहीं एसबीआई ने इसके लिए 12 दिसंबर की डेडलाइन तय की है। यानी 12 दिसंबर के बाद एसबीआई में नॉन सीटीएस चेक मान्य नहीं होंगे और आपकी लेनदेन प्रभावित होगी।
बैंक ने ग्राहकों को किया अलर्ट
बैंक ने इस फैसले को लेकर अपने कस्टमर्स को मैसेज भेजना शुरू कर दिया है। बैंक ने अपने खाताधारकों से अपील की है कि वो जल्द से जल्द अपनी नॉन-CTS चेकबुक को सीटीएस चेकबुक से रिप्लेस करवा लें। एसबीआई के मैसेज के मुताबिक नॉन सीटीएस चेक बुक अगले महीने से स्वीकार नहीं किए जाएंगे। ऐसे में किसी भी परेशानी से बचने के लिए बेहतर हैं कि आप तय समयसीमा से पहले ही चेकबुक बदलवा लें।
RBI के आदेश पर बैंकों की पहल
आपको बता दें कि बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशानुसान ये फैसला किया है। आरबीआई ने करीब 3 माह पहले बैंकों को निर्देश जारी किया था कि 1 जनवरी 2019 से नॉन सीटीएस चेक बुक का प्रयोग पूरी तरह से बंद किए जाएं। जिसके बाद बैंकों ने नॉन सीटीएस चेकबुक को बंद करने का फैसला किया और अपने ग्राहकों को फौरन अपना नॉन सीटीएस चेकबुक सीटीएस चेकबुक में बदलने की अपील की। बैंक अपने ग्राहकों 31 दिसंबर 2018 तक नॉन सीटीएस चेकबुक को बदलवा लेने को कहा है, लेकिन एसबीआई ने अपने यहां इसकी डेडलाइन 12 दिसंबर तय कर दी है। वहीं पंजाब नेशनल बैंक ने भी अपने ग्राहकों को अधिसूचना जारी कर कहा है कि बिना सीटीएस सुविधा का चेक 1 जनवरी 2019 से क्लीयरेंस के लिए नहीं लिया जाएगा।
क्या होता है CTS चेकबुक
आपको बता दें कि CTS यानी चेक ट्रंकेशन सिस्टम। इस तरह के चेक की एक इलेक्ट्रॉनिक इमेज कैप्चर हो जाती है और फिजिकल चेक को एक बैंक से दूसरे बैंक में क्लियरेंस के लिए भेजने की जरूरत नहीं होती। ये चेक आसानी से और जल्दी क्लियर हो जाता है। इसमें चेक को एक जगह से दूसरे जगह भेजने की जरूरत नहीं होती, सब ऑनलाइन तरीके से हो जाता है। इस चेक के क्लियरेंस में आने वाले खर्च और समय की बचत होती है। वहीं नॉन-CTS चेक कंप्यूटर द्वारा रीड नहीं किए जा सकते। उसे एक जगह से दूसरे जगह फिजिकली ले जाना पड़ता है। इसलिए इसके क्लियरेंस में वक्त ज्यादा लगता है
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