अजित डोभाल के बेटे पर मनी लांड्रिंग का आरोप, जानें कैस बनाई हेज फंड कंपनी
नई दिल्ली। कांग्रेस ने 'कैरवा' पत्रिका में छपे एक लेख के आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (Ajit Doval) के बेटे विवेक डोभाल पर मनी लांड्रिंग (Money laundering) का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने पत्रिका के हवाले से दावा किसा है कि विवेक डोभाल ने टैक्स हैवेन देश 'केमैन आईलैंड' में एक हेज फंड कंपनी GNY एशिया से खोली और मनी लांड्रिंग (Money laundering) की। कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मांग की है कि वह पिछले एक साल में टैक्स हेवन देशों से प्राप्त फंड के सभी स्रोतों को सार्वजनिक करे।
जयराम रमेश ने लगाया आरोप
कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आज कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में एक पत्रकार वार्ता कर यह आरोप लगाए हैं और जांच की मांग की है। कांग्रेसी नेता ने आरबीआई (RBI) के आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि साल 2000 से 2007 के बीच केमैन आइलैंड से भारत को 8,300 करोड़ रुपये की एफडीआई (FDI) आई, जबकि नोटबंदी (notebandi) के बाद इसी देश से एक साल में इतनी ही रकम एफडीआई (FDI) के रूप में आई। रमेश ने कहा कि भाजपा ने 2011 में एक समिति गठित की थी. इस समिति ने बीजेपी की तरफ से एक रिपोर्ट दी थी, जिसका शीर्षक था - इंडियन ब्लैक मनी अब्रोड. इसमें चार सदस्य थे. मौजूदा एनएसए (NSA) अजित डोभाल की इस रिपोर्ट को तैयार करने में भूमिका थी. जयराम रमेश ने कहा कि आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री ने नोटबंदी (notebandi) की घोषणा की थी. 13 दिन बाद 21 नवंबर 2016 को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के बेटे विवेक डोभाल केमैन आईलैंड में हेज फंड (hedge fund) कंपनी GNY एशिया खोल ली.
उठाए
सवाल
उनका
कहना
है
कि
आखिर
नोटबंदी
(notebandi)
के
बाद
देश
में
आए
इस
एफडीआई
(FDI)
में
विवेक
डोभाल
की
कंपनी
की
क्या
भूमिका
है
इसकी
जांच
होनी
चाहिए।
जयराम
रमेश
के
अनुसार
कंपनी
के
दो
डायरेक्टर
हैं,
जिसमें
एक
विवेक
डोभाल
हैं
तो
एक
और
डॉन
डब्ल्यू.
इबैंक्स
हैं.
यह
दूसरा
शख्स
वही
है,
जिसका
नाम
पनामा
और
पैराडाइज
पेपर
में
आ
चुका
है.
उनके
अनुसार
सवाल
उठता
है
कि
जिसका
नाम
पनामा
में
है,
वह
कैसे
विवेक
डोभाल
की
कंपनी
में
डायरेक्टर
हो
सकता
है.
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सरकार के लोग कर रहे ऐसे काम
रमेश ने कहा है कि 'मोदी सरकार दावा करती है कि वह काला धन के खिलाफ लड़ रही है। वह कहती है कि कंपनियों को पैसे का हेरफेर करने के लिए केमैन आइलैंड जैसे टैक्स हैवन देशों का इस्तेमाल नहीं होने देगी, लेकिन इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि सरकार के लोग इन सब कार्यों में संलिप्त हैं। रमेश ने आरोप लगाया कि अजीत डोभाल के दूसरे बेटे शौर्य डोभाल केमैन आइलैंड स्थित एक अन्य कंपनी जेउस स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट एडवाइसर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख हैं और जेएनवाई एशिया और इस कंपनी के बीच भी कनेक्शन है।
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हेज फंड (hedge fund) कैसे काम करते हैं?
अगर किसी कंपनी का शेयर 100 रुपये में खरीद जाता है। सभी जानते हैं कि शेयरों की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव आता रहता है। यह शेयर एक माह में 150 रुपये तक भी जा सकते हैं और इनकी कीमत आधी भी रह सकती है। शेयर बाजार में आमतौर पर कहा जाता है कि जितना ज्यादा रिटर्न, उतना ही जोखिम।
लेकिन अगर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है या कम जोखिम लेना चाहता है तो इसके लिए एक समझौता किया जाता है। इसमें तय किया जाता है कि एक माह बाद 100 रुपये में लिए शेयर को तय तिथि तक अगर 95 रुपये पर आ जाता है तो वह बेच देगा और इसके लिए वह 2 रुपये का प्रीमियम भी देने को तैयार हैं। शेयर बाजार में इसे पुट ऑप्शन कहते हैं।
कैसे
काम
करता
है
पुट
ऑप्शन
जिस
तिथि
को
शेयर
बेचना
था,
उस
दिन
शेयर
का
भाव
140
रुपये
हो
गया।
ऐसे
में
वह
समझौते
में
दी
गई
कीमत
यानी
95
रुपये
में
बेचने
के
लिए
बाध्य
नहीं
है।
वह
अपना
शेयर
140
रुपये
में
ही
बेचेंगे
और
38
रु.
का
फायदा
कमाएंगा।
यदि
शेयर
की
कीमत
50
रुपये
हो
जाती
है
तो
वह
समझौते
के
अनुसार
वह
अपना
शेयर
95
रुपये
में
बेचेगा,
और
उसका
नुकसान
5
रुपये
से
अधिक
का
नहीं
होगा।
इस
तरह
यह
शेयर
हेज्ड
किया
जाता
है।
रिस्क
घटाता
है
हैजिंग
शेयर
बाजार
में
हेज
फंड
(hedge
fund)
की
हेजिंग
वह
तरीका
है,
जिससे
किसी
के
भी
पोर्टफोलियो
की
रिस्क
को
कम
किया
जा
सकता
है।
कुछ
हेज
फंड
(hedge
fund)
मैनेजर्स
को
हर्डल
रेट
का
पालन
करना
होता
है।
जब
तक
हर्डल
रेट
नहीं
पहुंचता,
इन्वेस्टर
को
पूरा
मुनाफा
नहीं
मिल
पाता
है।
अधिकांश
हेज
फंड
(hedge
fund)
2
और
20
के
नियम
पर
काम
करते
हैं।
इसका
अर्थ
है
कि
शेयर
बाजार
में
समय
अच्छा
है
या
बुरा
लेकिन
इन्वेस्टमेंट
को
कम
से
कम
2
फीसदी
का
मुनाफा
तो
मिल
ही
जाए,
लेकिन
अधिकतम
20
फीसदी
मुनाफा
भी
पाया
जा
सके
है।
दो प्रकार के हाेते हैं हेज फंड (hedge fund)
1.
एब्सोल्यूट
रिटर्न
फंड
कई
बार
इसे
नॉन
डायरेक्शनल
फंड
भी
कहा
जाता
है।
इसमें
इस
बात
से
फर्क
नहीं
पड़ता
है
कि
बाजार
किस
दिशा
में
जा
रहा
है।
एक
तय
रिटर्न
आपको
मिलता
रहता
है।
इसे
प्योर
अल्फा
फंड
भी
कहा
जाता
है।
इसमें
हेज
फंड
(hedge
fund)
मैनेजर
बाजार
का
सारा
जोखिम
हटाकर
फंड
तैयार
करता
है,
ताकि
बाजार
के
प्रदर्शन
का
असर
उसके
फंड
पर
न
पड़े।
यदि
फंड
मैनेजर
सारा
जोखिम
खत्म
कर
रहा
है
तो
इस
फंड
की
परफॉर्मेंस
मैनेजर
की
योग्यता
पर
टिकी
होती
है।
इसीलिए
इसे
एकेडेमिक
रूप
में
अल्फा
फंड
भी
कहा
जाता
है।
एक
परंपरागत
इन्वेस्टर
के
लिए
यही
फंड
ठीक
रहता
है।
इसमें
कम
जोखिम
रहता
है।
2.
डायरेक्शनल
फंड
ये
भी
हेज
फंड
(hedge
fund)
होते
हैं,
लेकिन
पूरी
तरह
से
नहीं।
इसके
मैनेजर्स
शेयर
बाजार
में
कुछ
खरीद
करते
हैं,
लेकिन
वे
उम्मीद
से
अधिक
रिटर्न
लेने
की
कोशिश
करते
हैं।
इसका
कारण
यह
है
कि
इसमें
कुछ
पैसा
शेयर
बाजार
में
लगाया
जाता
है।
ऐसे
फंड
बीटा
फंड
कहे
जाते
हैं।
इसमें
रिटर्न
स्थिर
नहीं
रहता
है।
हालांकि
कई
बार
ऐसे
फंड
का
एब्सोल्यूट
रिटर्न
अधिक
रहता
है,
लेकिन
कई
बार
ऐसा
भी
होता
है
कि
एक
साल
अच्छा
रिटर्न
मिला
और
अगले
साल
यह
रिटर्न
लुढ़क
गया।
भारत में हेज फंड (hedge fund)
भारत में कई हेज फंड (hedge fund) सेबी में पंजीकृत हैं। जैसे कार्वी कैपिटल, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल और एडिलविस आदि। केवल बड़े निवेशक जिन्हें एचएन1 (HN1) मानते हैं, वे ही इसमें निवेश कर पाते हैं। सेबी ने नियमों के तहत इसमें प्रवेश करने के लिए कम से कम 1 करोड़ रुपये लगाने पड़ते हैं।
क्या
है
इतिहास
हेज
शब्द
अंग्रेजी
का
है,
इसका
अर्थ
है
मैदान
में
झाड़ियों
की
कतार
लगाना,
ताकि
किसी
भी
तरह
के
जोखिम
से
बचने
के
लिए
सीमा
बना
ली
जाए।
पूर्व
में
हेज
फंड्स
बाजार
में
आमतौर
पर
होने
वाली
गिरावट
आदि
से
अपने
निवेश
को
बचाने
के
लिए
बनाए
जाते
हैं।
इसलिए
इसका
नाम
हेज
फंड
(hedge
fund)
रखा।
1920
में
अमेरिका
में
शेयर
बाजार
में
तेजी
की
स्थिति
थी।
अमीर
लोगों
के
लिए
कई
तरह
के
निवेश
विकल्प
मौजूद
थे।
उस
दौर
में
ग्राहम-न्यूमैन
पार्टनरशिप
कंपनी
बनाई
गई
थी।
इसे
बेंजामिन
ग्राहम
और
जैरी
न्यूमैन
ने
बनाया
था।
इसका
उल्लेख
2006
में
म्यूजियम
ऑफ
अमेरिकन
फाइनेंस
को
लिखे
एक
पत्र
में
हेज
फंड
(hedge
fund)
कारोबारी
वॉरेन
बफे
ने
किया
था।
समाजवादी
अल्फ्रेड
डब्ल्यू
जोन्स
ने
सबसे
पहले
हेज
फंड
(hedge
fund)
शब्द
का
इस्तेमाल
किया
था।
पहला
हेज
फंड
(hedge
fund)
1949
में
बनाया
था।
हालांकि,
इस
पर
काफी
विवाद
हुआ
था।
जोन्स
ने
अपने
हेज
फंड
(hedge
fund)
को
हेज्ड
बताया
था।
यह
ऐसा
शब्द
है,
जिसका
उपयोग
वॉल
स्ट्रीट
जर्नल
पर
फाइनेंशियल
मार्केट्स
में
निवेश
जोखिम
के
मैनेजमेंट
के
लिए
किया
जाता
था।
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