बजट के बाद शेयर बाजार हुआ धड़ाम, एक दिन में निवेशकों के 3.6 लाख करोड़ डूबे
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नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शनिवार को पेश किया गया। लेकिन इस बजट के पेश होने के बाद शेयर बाजार को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। शनिवार को बजट पेश होने के बाद शेयर बाजार को तकरीबन 3.6 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के बाद शेयर बाजार 988 अंक लुढ़क गया और 40000 अंक के नीचे पहुंच गया, वहीं निफ्टी की बात करें तो यह 50 अंक गिरकर 11700 तक पहुंच गया। शेयर बाजार में इस भारी गिरावट के चलते निवेशकों को एक दिन में 3.6 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
रिकॉर्ड गिरावट
जिस तरह से निवेशको ने जमकर बिकवाली की है उसकी वजह से शेयर बाजार को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बता दें कि जिस तरह से शेयर बाजार 900 अंक से अधिक नीचे गिरा है वह 24 अक्टूबर 2008 के बाद शेयर बाजार में अबतक की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले 24 अक्टूबर 2008 को शेयर बाजार में 1070.63 अंको की गिरावट हुई थी। शेयर बाजार में यह अबतक की चौथी सबसे बड़ी गिरावट थी। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट स्थाई नहीं है और यह तत्कालिक है।
कॉर्पोरेट मे निराशा
शेयर बाजार में इस गिरावट की कुछ अहम वजहे हैं। दरअसल बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स और सिक्योरिटी ट्रॉन्जैंक्शन टैक्स में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया। जिसकी वजह से मार्केट में निराशा छाई। वहीं डीडीटी यानि डिविडेंट डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स की बात करें तो यह कॉर्पोरेट्स के लिए सकारात्मक बदलाव है लेकिन बावजूद इसपर प्राप्तकर्ता को टैक्स देना होगा।
निवेश को बढ़ावा नहीं दिया गया
विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट लोगों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा, जिसकी बड़ी वजह यह है कि इसमे अर्थव्यवस्था को विकास के बड़े रास्ते पर ले जाने के लिए प्रोत्साहन नहीं दिया गया है। राजस्व को बढ़ावा देना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी, जिससे गिरती हुई अर्थव्यवस्था को फायदा मिले, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं पर्सनल टैक्स को लेकर सरकार ने नई टैक्स स्लैब को जारी किया है। टैक्स स्लैब को कम किया गया है, लेकिन लोगों के सामने दो विकल्प रख दिए गए हैं या तो वह पहले की तरह टैक्स स्लैब में अलग-अलग निवेश के जरिए छूट हासिल करें या फिर उन छूट को छोड़कर टैक्स में कटौती हासिल करें। जिसको लेकर लोगों में नाराजगी है।