एनपीए मामलों के लिए जिम्मेदार 6049 बैंक कर्मियों पर हुई कार्रवाई: अरुण जेटली
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान 6000 के अधिक बैंक कर्मियों के खिलाफ एनपीए के मामले में कार्रवाई की गई है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में सवालों का लिखित जवाब दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी, अनिवार्य सेवानिवृत्ति और डिमोशन जैसी कार्रवाई की गई है।
जेटली ने लिखित जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीयकृत बैंकों से मिली जानकारी के मुताबिक, एनपीए अकाउंट्स में लापरवाही के लिए 6049 कर्मचारियों को दोषी पाया गया। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों के खिलाफ गलतियों के स्तर के मुताबिक, कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि एनपीए के आकार को देखते हुए इन मामलों में सीबीआई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
एनपीए मामलों पर सरकार सख्त
19 राष्ट्रीयकृत बैंकों ने वित्त वर्ष की पहली छमाही में 21,388 करोड़ रु का घाटा दर्ज किया है जबकि 2017-18 की समान अवधि में इन बैंकों ने 6,861 करोड़ का घाटा दर्ज किया था। जबकि वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल ने कहा कि फंसे कर्जो की पारदर्शी तरीके से पहचान के कारण सभी वाणिज्यिक बैंकों का एनपीए मार्च 2016 के आखिर के 5.66 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2018 के आखिर तक 9.62 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया।