World Bank ने बताया, वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 फीसदी गिरावट का अनुमान
वाशिंगटन। Indian Economy: विश्व बैंक ने बताया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 फीसदी तक की गिरावट रहने का अनुमान है। इससे परिवार के स्तर पर व्यय और निजी निवेश में आई कमी का पता चलता है। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था में 5.4 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। अपनी वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की आय काफी प्रभावित हुई है।
इस क्षेत्र के 80 फीसदी लोग रोजगार में लगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 'भारत में अर्थव्यवस्था को कोरोना महामारी ने उस समय प्रभावित किया है कि जब उसमें पहले से ही गिरावट आ रही थी। अब वित्त वर्ष 2020-21 में उत्पादन में भी 9.6 फीसदी की कमी देखने को मिल सकती है। इससे परिवार की आय और निजी निवेश में बड़ी कमी का पता चलता है।' हालांकि इसके साथ ही विश्व बैंक ने कुछ सकारात्मक बात भी कही है। बैंक ने कहा है, 'भारत में आर्थिक वृद्धि दर में साल 2021-22 में सुधार आएगा और यह 5.4 फीसदी तक रह सकती है।'
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, असंगठिक क्षेत्र की कुल रोजगार में 80 फीसदी की हिस्सेदारी है। इसमें कोरोना वायरस महामारी के दौरान आय का काफी घाटा हुआ है। महामारी के दौरान कई लोगों के काम धंधे ठप्प पड़ गए थे। कई लोगों की नौकरी तक चली गई थी। बहुत सा ऐसा काम जो घर बैठे नहीं हो सकता था, ऐसे राजगार के क्षेत्रों में काफी नुकसान देखने को मिला। हाल ही के समय में बिजली की खपत, पीएमआई और जीएसटी संग्रह के आंकड़ों से इस बात का पता चलता है कि सेवा और विनिर्माण के क्षेत्र में तेजी से रिवाइवल हो रहा है।
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