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प्राइवेट सेक्टर के 10 में से 9 कर्मचारियों को नो पेंशन, नो हेल्थ इंश्योरेंस

By Ajay Mohan
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बेंगलुरु। अगर किसी व्यक्त‍ि के सामने दो नौकरियां रखी हों- पहली सरकारी विभाग में क्लर्क की नौकरी , जिसका पे स्केल 6050 है और दूसरी प्राइवेट जिसकी बेसिक पे 10,000 रुपए है, तो वह इनहैंड सैलरी कम होते हुए भी सरकारी नौकरी चुनेगा और कहेगा, 'सरकारी सरकारी ही होती है'... इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है पेंशन। प्राइवेट सेक्टर में पेंशन की सुविधा नहीं है, लेकिन तमाम बीमा कंपनियों द्वारा पेंशन प्लान मुहैया कराये जाने के बाद भी भारत में 10 में से 9 प्राइवेट कर्मी जब रिटायर होते हैं, तो उनके पास पेंशन नहीं होती।

यह हम नहीं बल्क‍ि कंपनी क्रिसिल की रिपोर्ट कह रही है। रिपोर्ट के अनुसार देश में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मियों में से सिर्फ 8 प्रतिशत के पास ही पेंशन प्लान होते हैं, वहीं 92 प्रतिशत लोगों के पास कोई वित्तीय सुरक्षा नहीं होती। यही नहीं हेल्थ इंश्योरेंस भी नहीं होता, कि अगर वो बीमार पड़े तो उन्हें आर्थ‍िक सहायता कहां से प्राप्त होगी।

क्यों हो रहा है ऐसा

  • प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां पेंशन प्लान लेने के लिये किसी पर जोर नहीं डालतीं।
  • इसका सबसे बड़ा कारण है, लोग एक कंपनी को छोड़ दूसरी कंपनी में चले जाते हैं।
  • बीमा कंपनी जब पेंशन प्लान का प्रस्ताव लाती हैं, तब उन्हें वो प्लान इसलिये नहीं समझ आता, क्योंकि उन्हें कम निवेश कर ज्यादा आउटपुट चाहिये होता है।
  • कई बार लोग यह सोचते हैं कि बीमा कंपनी उन्हें बेवकूफ बना रही है, इसलिये वे पेंशन प्लान नहीं लेते हैं।

क्या करे सरकार

  • स्क‍िल डेवलपमेंट के साथ-साथ भारत सरकार को आज जनता की आर्थ‍िक स्थ‍िति को सुदृढ़ बनाने की दिशा में भी सोचना चाहिये।
  • जिस प्रकार फर्टिलिटी रेट गिर रहा है, उससे साफ है कि आने वाले लोगों को संतान होगी ही इसकी गारंटी नहीं है, ऐसे में बुढ़ापे में उनका सहारा कोई नहीं बनेगा।
  • लिहाजा उनके लिये फाइनेंश‍ियल प्लान पर फोकस करना जरूरी है।

अगर अभी ध्यान नहीं दिया तो?

  • भारत में फर्टिलिटी रेट बहुत तेजी से गिर रहा है। 2026 तक बच्चे पैदा होने कम हो जायेंगे। यानी बूढ़े लोगों का सहारा कम हो जायेगा।
  • 2050 तक दूसरों पर डिपेंड रहने वाले वृद्ध लोगों की संख्या दो गुनी हो जायेगी।
  • ऐसा होने पर अगर पेंशन नहीं हुई, तो मानसिक तनाव के मामले बढ़ जायेंगे।
  • स्थ‍िति ज्यादा खराब हुई तो वृद्धों द्वारा आत्महत्या के मामले बढ़ जायेंगे।
  • अगर इन सब से बचना है तो आज ही सरकार को सकारात्मक कदम उठाने होंगे। नहीं तो प्राइवेट कर्मियों को तो कम से कम खुद जागरूक होना ही होगा।
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English summary
Only 8 per cent of employees who retire from the private sector in India are covered by pensions.
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