सर्वे: 81% कंपनियों ने माना कि इनकम टैक्स की नई व्यवस्था फायदेमंद नहीं
नई दिल्ली। तमाम कंपनियों के ज्यादातर एचआर और फाइनेंस डिपार्टमेंट के अधिकारियों का मानना है कि इनकम टैक्स की नई व्यवस्था वर्कर्स के लिए फायदेमंद नहीं है। एचआर क्षेत्र से जुड़ी कंपनी मर्सर ने कई कंपनियों में फाइनेंशियल प्रोफेश्नल के बीच एक सर्वे कराया है। इनमें 81 प्रतिशत कर्मचारियों ने नए वैकल्पिक टैक्स सिस्टम को लाभकारी नहीं मानते हैं। मर्सर ने 119 कंपनियों में यह सर्वे किया है।
इस नई टैक्स व्यवस्था से कर्मचारियों को फायदा नहीं
सरकार ने बजट 2020-21 में सभी मौजूदा एग्जेम्पशन और डिडक्शनों को छोड़ने वाले करदाताओं के लिए नए टैक्स स्लैब की पेशकश की है। मर्सर के सर्वे में 81 फीसदी ने कहा कि इस नई टैक्स व्यवस्था से उनके कर्मचारियों को फायदा नहीं होगा। करीब 60 फीसदी कंपनियों ने कहा कि 5-10 लाख और 10-25 लाख की वार्षिक आय वाले लोग इस नई टैक्स व्यवस्था से प्रभावित होंगे।
नये टैक्स सिस्टम में 70 तरह की छूट से हाथ धोना पड़ेगा
80 फीसदी कंपनियों ने कहा कि इससे उनके कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के लिए बचत की प्रवृत्ति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी आशंका जाहिर की कि इससे कर्मचारी अपने नियोक्ताओं से स्वैच्छिक लाभ लेने से हिचकिचाएंगे। नये टैक्स सिस्टम में 70 तरह की छूट से हाथ धोना पड़ेगा। इनमें आयकर कानून के सेक्शन 16 में मनोरंजन भत्ता और एम्प्लॉयमेंट/प्रोफेशनल टैक्स के लिए छूट और होम लोन चुकाने पर मिलने वाला टैक्स बेनेफिट शामिल है।
दो टैक्सों वाली व्यवस्था को संभालना मुश्किल
सर्वे में कहा गया है कि, 83 फीसदी नियोक्ताओं ने कहा कि उनके 30 फीसदी से भी कम कर्मचारी नई टैक्स व्यवस्था के विकल्प को चुनेंगे। एचआर हेड ने यह भी चिंता जताई कि नई टैक्स व्यवस्था के बारे में कर्मचारियों को बताना एक और बड़ी चुनौती है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि दो टैक्सों वाली व्यवस्था को संभालना भी एचआर सिस्टमों के लिए एक बड़ी चुनौती है। इससे कंप्लायंस की लागत भी बढ़ेगी।
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