7th Pay commission: इन सरकारी कर्मचारियों की बड़ी मांग हुई पूरी, सरकार ने उठाया ये कदम
नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी कर्मचारियों के लिए ये खबर राहत देने वाली है। दिल्ली सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को तोहफा देते हुए नई पेंशन योजना(NPS) को पुरानी पेंशन स्कीम(OPS) से बदलने के लिए अपनी रजामंदी दे दी है। दिल्ली विधानसभा में नई पेंशन योजना को पुरानी पेंशन योजना से बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए हरह संभव कोशिश करेंगे और विधानसभा में पास होने के बाद इसे केंद्र को भेंजेगे ताकि लाखों लोगों को इसका लाभ मिल सके।
सरकारी कर्मचारियों के लिए आई खुशखबरी
पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार ने आग्रह किया कि वो तत्काल प्रभाव से नई पेंशन स्कीम को खत्म करके दिल्ली एनसीआर में काम कर रहे सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बार फिर से सभी सुविधाओं के साथ पुरानी पेंशन स्कीम लागू करें। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का भरोसा दिया और कहा कि वो इसे लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार से लडे़ंगे। केजरीवाल ने ऑल टीचर्स इम्पलॉय वेलफेयर एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कहा कि एनपीएस बिल को मंजूरी मिलने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि वो गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री से बात करेंगे कि वो अपने यहां पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू कर सके।
NPS से क्यों नाराज है केंद्रीय कर्मचारी
केंद्रीय और राज्य के सरकारी कर्मचारी नई पेंशन स्कीम से नाराज है, जिसके पीछे काफी वजह है। जैसे नई पेंशन स्कीम कर्मचारियों को निवेश पर एशोयर्ड रिटर्न या न्यूनतम पेंशन की कोई गारंटी नहीं देता है। वहीं एनपीएस पारिवारिक पेंशन या सामाजिक सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। नई पेंशन स्कीम में जरूरत पड़ने पर कर्मचारियों को ऋण की सुविधा नहीं मिलेगी। वहीं नई पेंशन स्कीम वार्षिक वृद्धि और डीए पर वृद्धि प्रदान नहीं करता है। इतना ही नहीं NPS में कर्मचारियों को मेडिकल इमरजेंसी को पूरा करने के लिए अपने पेंशन फंड से पर्याप्त धन वापस लेने की अनुमति नहीं होगी।
नई पेंशन स्कीम और पुरानी पेंशन स्कीम में क्या है अंतर
केंद्र ने 2004 में नई पेंशन स्कीम लागू की थी। पुरानी पेंशन योजना में पेंशन के रूप में एक निश्चित राशि सरकार देती थी। पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को उनके ग्रेड के अनुसार एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। ये राशि वेतन के मुकाबले लगभग आधी होती थी। इतना ही नहीं पुरानी पेंशन स्कीम में वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ पेंशनभोगियों को भी मिलता था। जबकि नई पेंशन स्कीम में केंद्र सरकार और कर्मचारी दोनों बराबर बराबर योगदान करते हैं। रिटायरमेंट के समय सरकार ये राशि पेंशन फंड में निवेश कर देते है, जिसके रिटर्न से कर्मचारियों को पेंशन दी जाती है।