RBI की चेतावनी, 7th pay commission की सिफारिश से ज्यादा HRA बढ़ा तो देश में आएगी महंगाई
नई दिल्ली। 7th pay commission के तहत देश के 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी को लेकर बड़ी घोषणा कर सकते हैं । न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की उम्मीद करने वाले 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को आरबीआई की इस रिपोर्ट से बड़ा झटका लग सकता है। RBI ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री या केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के ज्यादा HRA में बढ़ोतरी की तो देश में महंगाई बढ़ सकती है। मैद्रिक समीक्षा बैठक के बाद RBI ने चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार वेतन आयोग की सिफारिशों से बढ़कर HRA में बढ़ोतरी करती है तो देश की महंगाई पर असर पड़ेगा। ऐसे में वेतन में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को झटका लग सकता है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप की वेतन बढ़ोतरी करेगी।
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लंबा हो सकता है सैलरी बढ़ोतरी का इंतजार
सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुरूप न्यूनतम वेतन 18000 रुपए ही तय किया गया है। पी राधाकृष्णन ने लोकसभा में कहा था कि नरेन्द्र मोदी सरकार न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की कोई योजना नहीं है। वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक न्यूनतम वेतन 18000 रुपए और फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किए गए हैं। अगर इसमें कोई फिटमेंट फैक्टर में बदलाव होता है तो ये केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर होगी और बड़ा असर डालेगा, लेकिन इस बढ़ोतरी से राजस्व पर असर पड़ेगा। देश में महंगाई बढ़ेगी।
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आरबीआई ने जताई चिंता
आरबीआई ने महंगाई को लेकर चिंता जताई है । महंगाई बढ़ने से HRA को संशोधित करने की जरूरत होगी और एक्सपर्ट मानते हैं एचआरए रिवाइज करने से सैलरी बढ़ोतरी पर असर पड़ेगा। आपको बता दें कि बुधबार को RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई और ये 6.5% से बढ़ाकर 6.25% हो गया। रेपो रेट के साथ रिवर्स रेपो में भी 25 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है और इस बढ़ोतरी के बाद रिवर्स रेपो रेट 6.25% हो गया। आरबीआई ने रेपो रेट में ये बढ़ोतरी लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) के तहत की है।
HRA में बढ़ोतरी से बढेगी महंगाई
अपनी रिपोर्ट में RBI ने कहा 7 वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के कारण मुद्रास्फीति दर में वृद्धि हुई है। आपको बता दें कि जुलाई 2017 को सातवें वेतन आयोग के तहत HRA को संशोधित किया गया था। आरबीआई ने अपनी पिछली समीक्षा बैठक में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा किया था। बीती दो बैठकों में आरबीआई ने नीतिगत दरों में कुल 0.50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया। आरबीआई ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए 4.2 फीसदी की दर से महंगाई का अनुमान लगाया है। वहीं अक्टूबर-मार्च छिमाही के दौरान इसके 4.8-4.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। आरबीआई के मुताबिक 2018-19 के लिए CPI महंगाई के H1 के तहत 4.8-4.9 प्रतिशत तय किए गए है, जबकि H2 के तहत 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। ये अनुमान केंद्रीय कर्मचारियों के HRA पर असर डालेगा। एचआरए संशोधन के प्रभाव को छोड़कर देखा जाए तो महंगाई 4.6 प्रतिशत रह सकती है। अगर राज्य सरकार HRA को संसोधित करती है तो महंगाई बढ़ने की पूरी संभावना है। खुदरा मुद्रास्फीति मई में 4.9 से बढ़कर जून में 5 प्रतिशत रह गई। सातवें वेतन आयोग के तहत एचआरए के अनुमानित प्रभाव को देखे तो मुद्रास्फीति मई में 4.5 प्रतिशत से बढ़कर जून में 4.6 प्रतिशत हो गई। अनाज, मांस, दूध, तेल, मसाले और गैर मादक पेय पदार्थों में कम मुद्रास्फीति जारी रही, और दालें और चीनी की कीमतें गिरावट में बनी रहीं।
क्यों बढ़ाया जाता है रेपो रेट
रिजर्व बैंक महंगाई को काबू रखने के लिए रेपो रेट में बढ़ोतरी या कटौती करता है। अगर महंगाई कम होती है तो रेपो रेट में कटौती की जाती है। जिसके लोग ज्यादा खर्च कर सकें, लोगों को कम ब्याज पर लोन मिलता है तो लोग अधिक से अधिक खर्च करते हैं। वहीं अगर महंगाई बढ़ ती है तो रेपो रेट बढ़ा देता है। इससे लोन महंगा हो जाता है और लोग ब्याज पर पैसा लेने से बचते हैं। जिससे बाजार में पैसा कम आता है तो महंगाई घट जाती है।