7th Pay Commission:इन कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा, सैलरी में 40000 रुपए प्रति माह की बढ़ोतरी
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार कर्मचारियों को खुश करने की कोशिश में जुट गई है। अब तक 7th Pay Commission की सिफारिश नहीं लागू होने के चलते केंद्रीय कर्मचारी नाराज है तो वहीं सरकार अब धीरे-धीरे उन्हें खुश करने की कोशिश में जुट गई है। चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने देशभर के राज्य सरकार और उससे संबद्ध विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 7th Pay Commission की सिफारिशों को लागू करने का ऐलान किया।
केंद्र सरकार का तोहफा
केंद्र सरकार के तोहफे के बाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी होगी। वहीं सरकार के इस कदम का शिक्षक संघ ने भी स्वागत किया है। केंद्र सरकार के ऐलान के बाद कई राज्यों में इसके क्रियान्वयन की कसरत शुरू हो चुकी है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां सबसे पहले राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों को योगी सरकार ने नया वेतनमान दिया है। सरकार ने शिक्षकों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप सैलरी शुरू कर दी है। वहीं मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है।
सैलरी में 40000 रुपए तक की बढ़ोतरी
नए वेतनमान के बाद प्रोफेसर्स की सैलरी में 40000 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी।केंद्र सरकार की घोषणा के मुताबिक शिक्षकों के साथ यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के अन्य स्टाफ को भी नए वेतनमान के अनुरूप सैलरी मिलेगी। नया वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू होगा। 7th Pay Commission लागू होने के बाद प्रोफेसर स्तर पर करीब 40 हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी बढ़ जाएगी तो वहीं निचले स्तर पर करीब 7000 रुपए की बढ़ोतरी होगी। इससे पहले यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन नवंबर, 2017 में यूनिवर्सिटी शिक्षकों और कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन इसे सभी राज्यों में इसे लागू नहीं किया गया। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब देशभर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
एरियर में मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने उन संस्थानों को भी लाभ दिया है जो अपने कर्मचारियों को एरियर देंगे। केंद्र सरकार ने एरियर पर होने वाले खर्च का 50 फीसदी वहन करने का ऐलान किया है। 1 जनवरी 2016 से लेकर 31 मार्च 2019 तक एरियर पर होने वाले खर्च का 50 फीसदी संस्थानों को केंद्र सरकार लौटाएगी।