7th Pay Commission: कर्मचारियों की पेंशन को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
7th Pay Commission: कर्मचारियों की पेंशन को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
नई दिल्ली। 7th Pay Commission का इंतजार कर रहे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भले अब तक कोई खुशखबरी नहीं मिली है, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 42000 PSU कर्मचारियों को पेंशन से संबंधित बड़ी राहत भरी खबर दी है। सरकार ने फैसला किया है कि वो रिटायरमेंट बेनेफिट के रूप में इन कर्मचारियों को पेंशन का एक विकल्प देगी।
7th Pay Commission लेटेस्ट अपटेड
सरकार ने 42000 कर्मचारियों की पेंशन को लेकर बड़ा फैसला किया। यह लाभ सार्वजिनक क्षेत्र की किसी बीमा कंपनी में 28 जून, 1995 या उससे पहले ज्वॉइन करने वाले कर्मचारियों को ही मिलेगा। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इस ट्वीट के मुताबिक केंद्र सरकार ने सरकार ने 28 जून 1995 या उससे बाद सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों से जुड़ने वाले कर्मचारियों को पेंशन पाने का एक और विकल्प दिया है। इसका लाभ बीमा क्षेत्र के 42,720 कर्मचारियों को मिलेगा, जिसमें तकरीबन 10,720 वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। आपको बता दें कि ये वो कर्मचारी हैं, जिन्होंने पेंशन के विकल्प के बजाय कंट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड (पीएफ) का विकल्प चुना था।
किनको मिलेगा इस फैसले का लाभ
सरकार के इस फैसला का लाभ सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा कर्मचारियों को मिलेगा, जिनमें जीवन बीमा निगम के 24,595 कर्मचारी, बाकी 18,125 कर्मचारी जीआईसी, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेस कंपनी लिमिटेड, ओरियंटल इंश्योरेंस को.लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को.लिमिटेड के हैं।
क्या है फैसला
दरअसल सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में रिटायरमेंट बेनेफिट के तौर पर पेंशन जून, 1995 से प्रभाव में आई थी। एलआईसी ने अप्रैल 1995 और बाकी की पांच बीमा कंपनियों ने 28 जून, 1995 या उससे पहले ज्वॉइन करने वालों को ही रिटायरमेंट बेनेफिट के रूप में पेंशन को चुनने का मौका दिया था। अब सरकार इन कर्मचारियों को बड़ी राहत दे रही है। गौरतलब है कि फरवरी में केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अंतर्गत न्यूनतम वेतन 18000 रुपए और फिटमेंट 2.57 प्रतिशत देने का फैसला किया था, लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों को की मांग है कि न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 26000 रुपए किया जाए,जिसे लेकर अब तक फैसला नहीं हो सका है।