7th pay commission: मोदी सरकार के बजट पर टिकी केंद्रीय कर्मचारियों की नजरें, मिलेंगी खुशखबरी!
नई दिल्ली। लंबे वक्त से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीदें एक बार फिर से जग गई है। 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और उतने ही पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि आने वाले आम बजट में केंद्रीय कर्मचारियों की मांगें पूरी होंगी और उन्हें मोदी सरकार की ओर से वेतन बढ़ोतरी का तोहफा मिलेगा। 5 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद है कि मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में उनकी मांगों पर गौर करेगी और जल्द ही उनकी सैलरी में बढ़ोतरी होगी।
केंद्रीय कर्मचारियों की मांग
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरुप केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन में बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई। वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18000 रुपए करने की सिफारिश की, लेकिन कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतन को 18000 रुपए से बढ़ाकर 26000 रुपए किया जाए। वहीं फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 फीसदी किया जाए। बजट से पूर्व वित्त मंत्री ने अर्थशास्त्रियों, बैंकों, उद्योग मंडलों, वित्तीय संस्थानों से बातचीत की है। जिसके बाद उम्मीद जग गई है कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों पर अहम फैसला लेगी।
न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी
वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपए है, लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि इसे बढ़ाकर 26000 रुपए प्रति माह की जाए। गौरतलब है कि 50 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और समान पेंशनभोगी आने वाले बजट में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से हटकर न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैकटर की मांग के लिए सरकार से सकारात्मक उम्मीद कर रहे हैं। वहीं इन कर्मचारियों को उम्मीद है कि जुलाई 2019 में उनके महंगाई भत्ते (डीए) में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकती है, जिसके बाद ये बढ़कर 16 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। अगर DA मे ये बढ़ोतरी होती है तो अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी।
इन बातों से मिल रहे हैं वेतन बढ़ोतरी के संकेत
हाल ही में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है, जिसके बाद से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ये संकेत मिल रहे हैं कि शायद केंद्र सरकार कर्मचारियों के हितों के लिए कोई ठोस कदम उठा सकती है। सरकार मांग को बढ़ाने के लिए मार्केट में अधिक धन का प्रवाह करना चाहती है। सरकार द्वारा हाल में उठाए गए कदमों से कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की संभावना को बल मिला है।