7th pay commission: रेलवे स्टाफ उठाने जा रहे हैं बड़ा कदम, बढ़ेगी यात्रियों की मुश्किल
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में आपके लिए रेल का सफर मुश्किलों से भरा हो सकता है। छठ के मद्देनजर रेल से सफर करने वाले लोगों की तादात वैसे ही बढ़ी होती है, ऐसे में रेलवे कर्मी बड़ा कदम उठा सकते हैं। अगर उन्होंने ये कदम उठा लिया तो आपकी परेशानी बढ़नी तय है। रेलवे कर्मचारियों ने वर्क टू रूल के नियम के मुताबिक अपने ड्यूटी करने का फैसला किया है। इन कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें 7th Pay Commission की सिफारिशों के मुताबिक भत्ता मिले। तमाम मांगों को लेकर रेलवे कर्मचारी हड़ताल पर पा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो लाखों यात्रियों के साथ-साथ सरकार की भी परेशानी बढ़ सकती है।
रेलवे कर्मचारी उठा सकते हैं बड़ा कदम
रेलवे कर्मचारियों ने सरकार के सामने अपनी मांगे रखी है। रनिंग स्टाफ की मांग है उन्हें रनिंग अलाउंस दिया जाए। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप उन्हें भत्ता दिया जाए। उनकी मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने हड़ताल पर जाने की बात कही है। रेलवे गार्ड, ड्राइवर, अटेंडेंट समेत तमाम रनिंग स्टाफ का कहना है कि उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप रनिंग अलाउंट नहीं दिया जाता है। भारतीय रेल कर्मियों की फेडरेशन ने रेल मंत्री के सामने अपनी मांगों को रखने का फैसला किया है और सरकार के सामने 45 दिनों की नोटिस देने का फैसला किया है।
करेंगे रेल रोको प्रदर्शन
इन रेलकर्मियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता है तो वो रेल रोको प्रदर्शन करेंगे। सरकार की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर कर्मचारी वर्क टू रूल नियम के तहत काम करने की तैयारी कर रहे हैं।
क्या होता है वर्क टू रूल
रेलवे में मौजूदा समय में लगभग 2.5 लाख कर्मचारियों की कमी चल रही है। इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की कमी के चलते बाकी कर्मचारियों पर काम का काफी दबाव है। उन्होंने 8 घंटे के बजाए 12 -14 घंटे तक की नौकरी करनी पड़ रही है। ट्रेन के ड्राइवरों पर कई बार तय समय से अधिक समय के लिए गाड़ी चलाने का दबाव बनाया जाता है। ऐसे में रेल कर्मी अपनी मांगों के लिए वर्क टू रूल के तहत काम करेंगे।