7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, बढ़ सकता है महंगाई भत्ता
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नई दिल्ली। मार्च में महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत के बाद देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक बार फिर से बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। मोदी सरकार 1.1 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता बढ़ाने की तैयारी कर रही है। सरकार ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। लेबर मिनिस्ट्री इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स की नई सीरीज पर काम शुरू हो गया है। आपको बता दें कि इसी इंडेक्स के आधार पर महंगाई भत्ते को तय किया जाएगा। लेबर ब्यूरो ने इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स की नई सीरीज 2016 को बेस ईयर मानते हुए तय कर दिया है जब की मौजूदा इंडेक्स का बेस ईयर 2001 है।
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1.1 करोड़ कर्मचारियों को तोहफा
माना जा रहा है कि लेबर मिनिस्ट्री इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स की नई सीरीज पर काम शुरू हो चुका है। यदि बेस ईयर में बदलाव के आधार पर महंगाई भत्ता बढ़ता है तो इसका फायदा करीब 1.1 करोड़ कर्मचारियों को मिलेगा। आपको बता दें कि महंगाई भत्ता या डियरनेस अलाउंस या डीए एक लिविंग एडजस्टमेंट अलाउंस है, जो सरकारी कर्मचारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों और पेंशनर्स को उनकी सैलरी में जोड़कर दिया जाता है। डीएस की गणना कर्मचारी की बेसिक सैलरी के प्रतिशत के रूप में की जाती है।
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हर 6 साल में होगा बेस ईयर में बदलाव
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हर 6 साल पर इस बेस ईयर में बदलाव किया जाएगा, ताकि कर्मचारियों की जीविका में आने वाले बदलावों के असर को कम किया जा सके। इससे पहले साल 2006 में बेस ईयर में बदलाव किया गया था। छठे वेतन आयोग ने बेस ईयर को 1982 से बदलकर 2001 कर दिया था। अब अगर केंद्र सरकार महंगाई भत्ते में बदलाव करती हैं तो इससे केंद्र सरकार के 48.41 लाख कर्मचारियों और 61.17 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।
सरकारी खजाने पर बोझ
हालांकि इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ना तय है। नए इंडेक्स में नए इंडस्ट्रियल सेंटर्स को भी शामिल किया जाएगा, जिससे ऐसे सेंटरों की संख्या 78 से बढ़कर 88 हो जाएगी। बेस ईयर में बदलाव से खजाने पर करोड़ों रुपए का बोझ बढ़ना तय है। गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मानते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च में डीए में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। जो जनवरी 2018 से लागू हो गया।