कोरोना संकट के बीच 16 लाख सरकारी कर्मचारियों को झटका, DA के बाद सरकार ने 6 अलाउंस पर चलाई कैंची, 5000 तक घटेगी सैलरी
कर्मचारियों को झटका, DA के बाद इन 6 अलाउंस पर चली कैंची,घटेगी सैलरी
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के 16 लाख सरकारी कर्मचारियों को झटका दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के बीच कर्मचारियों के भत्ते में कटौती की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले 6 अलाउंस को खत्म कर दिया है। इस अलाउंस के बंद होने से कर्मचारियों की सैलरी में 2000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक की कटौती होगी, तो वहीं सरकारी खजाने में 1500 करोड़ रुपए की बचत होगी।
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यूपी सरकार ने दिया झटका
लॉकडाउन संकट के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने 16 लाख सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर कैंची चला दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सरकार ने कर्मचारियों को मिलने वाले 6 भत्तों (Allowances) को खत्म कर दिया है। कैबिनेट बाइसर्कुलेशन में इन भत्तों को खत्म करने का फैसला होने के बाद प्रदेश के अपर वित्त मुख्य सचिव संजीव मित्तल की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।
5000 तक कम मिलेगी सैलरी
आपको बता दें कि सरकार द्वारा भत्तों को खत्म करने की असर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा। इन भत्तों के खत्म होने से प्रदेश के कर्मचारियों के वेतन में सालाना 2000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक की कटौती होगी। वहीं सरकारी खजाने में इन भत्तों की वजह से 1500 करोड़ का बोझ कम होगा। सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से उन भत्तों को खत्म करने का फैसला किया है, जिन्हें केंद्र सरकार पहले ही रोक चुकी है। इन भत्तों को यूपी सरकार अब तक दे रही थी, लेकिन अब इस बंद करने का फैसला किया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद कर्मचारियों में नाराजगी है।
इन 6 भत्तों को किया गया बंद
सरकार
ने
अपने
आदेश
में
कहा
है
कि
कोरोना
संकट
के
कारण
राज्य
के
कर्मचारियों
को
मिलने
वाले
6
भत्तों
को
31
मार्च,
2021
तक
के
लिए
बंद
किया
था,
लेकिन
अब
इन
भत्तों
को
पूरी
तरह
से
बंद
कर
दिया
गया
है।
जिन
भत्तों
को
यूपी
सरकार
ने
बंद
किया
है
उनमें
निम्न
शामिल
हैं...
सचिवालय
भत्ता:
इस
भत्ते
के
अंतर्गत
यूपी
सरकार
के
कर्मचारियों
को
625
रुपए
से
लेकर
2000
रुपए
तक
मिलता
था।
नगर
प्रतिकर
भत्ता:
न्यूनतम
340
और
अधिकतम
900
रुपए
तक
मिलता
था।
JE
को
मिलने
वाला
विशेष
भत्ता:
जूनियर
इंजीनियर
को
400
रुपए
भत्ते
के
तौर
पर
मिलता
था।
रिसर्च,
अर्दली
डिजाइन
भत्ता:
प्रदेश
के
पीडब्ल्यूडी
कर्मचारियों
को
मिलता
था।
आईएंडपी,
अर्दली
भत्ता:
सिंचाई
विभाग
के
कर्मचारियों
को
मिलता
था।
प्रोत्सहान
भत्ता:
भविष्य
निधि
लेखों
के
रखरखाव
करने
वाले
कर्मचारियों
को
मिलता
था।
DA पर लगाई गई रोक
आपको बता दें कि यूपी सरकार पहले ही DA पर रोक लगा चुकी है। कोरोना संकट के कारण यूपी सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते और पेंशनर्स को मिलने वाले महंगाई राहत को फ्रीज कर चुकी है। सरकार ने जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 तक महंगाई भत्ते पर रोक लगाई है। DA के भुगतान पर रोक लगाकर यूपी सरकार सालाना करीब 10500 करोड़ हुए बचा लेगी।