सर्वे में दिखा भारतीयों का दम, 58 सीईओ दुनियाभर में दे रहे 36 लाख को रोजगार
नई दिल्ली। भारतीय मूल के 58 एग्जेक्यूटिव दुनिया के 11 देशों में बड़ी कंपनियों को चला रहे हैं, जिनमें करीब 36 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं। 58 एग्जेक्यूटिव का ये ग्रुप करीब 1000 अरब डॉलर की कमाई करता है। अमेरिका स्थित भारतीय मूल के एक शीर्ष संगठन ने अपने सर्वे के आधार पर ये बात कही है। वैश्विक स्तर पर भारतीय मूल के दिग्गज पेशेवरों के संगठन 'इंडियास्पोरा' ने कहा कि भारतीय मूल के कारोबारी नेता पहले से कहीं अधिक संख्या में कॉरपोरेट सफलता के शिखर पर पहुंच रहे हैं और इनमें से कई अपने मंचों का इस्तेमाल सामाजिक परिवर्तन की पैरोकारी के लिए कर रहे हैं।
'इंडियास्पोरा बिजनेस लीडर्स लिस्ट' में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और सिंगापुर सहित 11 विभिन्न देशों की कंपनियों के अगुवाई करने वाले 58 एग्जेक्यूटिव को शामिल किया गया है। इनके कार्यकाल के दौरान इन कंपनियों ने 23 प्रतिशत का वार्षिक मुनाफा दिया। ये एसएंडपी 500 कंपनियों के मुकाबले काफी अधिक है। ये कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4,000 अरब डॉलर से अधिक है।
इंडियास्पोरा ने कहा कि भारतीय मूल के लोग पहले से कहीं अधिक संख्या में कॉरपोरेट सफलता के शिखर पर पहुंच रहे हैं और इनमें से कई अपने मंचों का इस्तेमाल सामाजिक परिवर्तन की पैरोकारी के लिए भी कर रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी के दौरान इन कंपनियों ने मानवीय सहायता के लिए बहुत योगदान किया और साथ ही अपने कर्मचारियों, अपने ग्राहकों और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े लोगों का ध्यान रखा।
इंडियास्पोरा के संस्थापक और सिलिकॉन वैली स्थित उद्यमी एम आर रंगास्वामी ने कहा, व्यापार में भारतीय प्रवासियों का प्रभाव उल्लेखनीय है। हमें उम्मीद है कि हमारी सूचियों में उन लोगों का ब्यौरा आता रहेगा, जो अपने क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सीईओ के बारे में आम धारणा यह है कि वे तकनीकी क्षेत्र से होते हैं, लेकिन 58 सीईओ की यह सूची उस मिथक को दूर करती है। ये बैंकिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स समेत अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस लिस्ट में शामिल सीईओ की औसत उम्र 54 साल है।
देश में तेजी से बढ़ाई गई टेस्टिंग, हर रोज किए जा रहे 2.6 लाख कोरोना टेस्ट: ICMR