मैसूर में छपे थे 500 और 2000 के नोट, इटली, जर्मनी और लंदन से आया था कागज
500 और 2000 रुपए के करीब 48-48 लाख नोट अगस्त-सितंबर के दौरान मैसूर में हुई थी। जिस कागज पर नोटों की छपाई की गई है वह लंदन, इटली और जर्मनी से लाया गया है।
नई दिल्ली। 8 नवंबर की रात से पीएम मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट को बंद किए जाने का ऐलान कर दिया है। इन नोटों की जगह ली है नए 500 और 2000 रुपए के नोट ने। क्या आपको पता है कि इन नोटों की छपाई नोट छापने की किस प्रिंटिंग प्रेस में हुई? आइए जानते हैं कहां छपे ये नोट।
500 और 2000 रुपए के करीब 48-48 लाख नोट अगस्त-सितंबर के दौरान कर्नाटक के मैसूर में हुई थी। मैसूर में रिजर्व बैंक की भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण लिमिटेड कंपनी की स्थापना की गई है, जिसमें स्विटजरलैंड का सहयोग लिया गया है। यहीं पर छपे थे ये सारे नोट।
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जिस कागज पर नोटों की छपाई की गई है वह लंदन, इटली और जर्मनी से लाया गया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार देवास, नासिक और पश्चिम बंगाल में स्थिति सालबोनी प्रिंटिंग प्रेस में अभी तक इन कागजों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
मैसूर में स्थित प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना स्विटरलैंड की डी ला रुई गियोरी (De La Rue Giori) की मदद से की गई है। कुछ अधिकारियों का कहना है कि सालबोनी में भी ऐसी सुविधा वाली प्रिंटिंग प्रेस विकसित की गई है, लेकिन उसकी स्थापना के लिए जापान की कोमोरी कॉरपोरेशन (Komori Corporation) की मदद ली गई है।
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एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में सरकार की अन्य प्रिंटिंग प्रेस में भी नोट छापने का काम शुरू हो जाएगा। आने वाले दिनों में मैसूर और मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में स्थित बैक नोट मिल करीब 70 फीसदी घरेलू मांग की पूर्ति कर सकेंगी।
सरकार द्वारा यह फैसला कालेधन पर लगाम लगाने के लिए किया गया है। साथ ही, देश में फैले 500 और 1000 रुपए के नकली नोटों को भी इस फैसले से ठिकाने लगाया जा सकता है।
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100 रुपए के नकली नोट कितने बढ़े?
भारतीय रिजर्व बैंक से प्राप्त आंकड़ों के हिसाब से 2012-13 में 100 रुपए के नकली नोटों की संख्या करीब 1,08,225 थी, जो 2013-14 में बढ़कर 1,18,873 हो गई। यह आंकड़ा 2014-15 में 1,81,799 पर जा पहुंचा और आखिरकार 2015-16 में 100 रुपए के नकली नोटों की संख्या 2,21,446 हो गई।
500 रुपए के नकली नोट कितने बढ़े?
500 रुपए के नकली नोटों में भी पिछले सालों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। 2012-13 में 500 के नकली नोटों की संख्या 2,81,265, 2013-14 में यह संख्या 2,52,269, 2014-15 में यह संख्या 2,73,923 और 2015-16 में यह आंकड़ा 2,61,693 तक जा पहुंचा।
1000 रुपए के नकली नोट कितने बढ़े?
आपको बता दें कि 2012-13 में 1000 के 98,459 नकली नोट थे, जो 2013-14 में बढ़कर 1,10,035 हो गए। इस संख्या में 2014-15 में और बढ़ोत्तरी हुई और ये 1,31,190 हो गई। 2015-16 में नकली नोटों की कुल संख्या बढ़कर 1,43,099 पर जा पहुंची।