वो चार वित्तीय गलतियां जो माता-पिता करते हैं
आपके परिवार में एक छोटा और नया सदस्य खुशियां लेकर आता है। लेकिन इसके साथ ही वो बच्चा कई नयी जिम्मेदारियां भी लेकर आता है। लेकिन इनसे भागना इसका कोई हल नहीं है। यानी आप उसका जितना ख्याल रख सकते हैं, रखें। कई माता-पिता इसको नजरअंदाज करते हैं जो कि एक बड़ी गलती है।
वो चार सबसे बड़ी वित्तीय गलतियां जो माता-पिता करते हैं:
रिटायरमेंट सेविंग: आपका बच्चा हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है। आपके सभी जरूरी फैसले उसके आसपास घूमते हैं, विशेष रूप से पैसों को लेकर। लेकिन अपने भविष्य के लिए बचत करने के बारे में न भूलें। रिटायरमेंट के बाद के लिए सेविंग न करना आपको आर्थिक संकट में डाल सकता है। बुढ़ापे में अपने बच्चे पर निर्भर रहना कोई अच्छा उपाय नहीं है। यदि कुछ और नहीं है, तो लंबी अवधि के लिए एक चाइल्ड सेविंग प्लान में एकमुश्त राशि निवेश करें। फिर उसके पूरा होने पर उस धन को फिर से निवेश करना जारी रखें।
उच्च शिक्षा खर्चों के लिए सेविंग योजनाएं: आपका बच्चा अभी काफी छोटा है। उसकी उच्च शिक्षा का समय काफी दूर है। लेकिन किसी भी माता-पिता से पूछें, इससे पहले कि आपको इसका एहसास हो, जल्दी योजनाएं बनानी शुरू करें और आप इसमें गलत नहीं हैं। शिक्षा की लागत को भी ध्यान में रखें। जैसे ही आप अपने बच्चे को एक खुशहाल जिंदगी देने का कोशिश करते हैं, यदि इसे आप जल्दी शुरू करते हैं, तो आप एकदम समय के साथ चल रहे हैं।समय के साथ आपके निवेश पर और अधिक ब्याज मिलेगा औऱ ये एक अच्छी राशि बन जाएगी।
इमरजेंसी के लिए फंडिग:
अचानक कभी भी आपात स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। और तब ये ज्यादा कठिन होता है जब आपका एक बच्चा हो जिसकी देखभाल करनी है। अगर आपके ऊपर बच्चे के खर्च का बोझ अधिक है फिर भी थोड़ी सी राशि इसके लिए भी जमा करें। इसे समय-समय पर करते रहें औऱ ये आपके लिए इमरजेंसी फंड की तरह काम करेगा। अगर आप दूसरा बच्चा चाहते हैं तब यह राशि मां के अनपेड लीव की स्थिति में काम करेगी।
जीवन बिमा में कटौती:
माता-पिता जीवन बीमा को नजरअंदाज करते हैं। बच्चे का आना आपके खर्च को बढ़ा देता है। लेकिन जीवन बीमा में कटौती करने की गलती आप ना करें। अगर कुछ बोझ होता भी है तो ये सुनिश्चित करें कि आपके पास पर्याप्त जीवन बिमा की योजना है।
फिक्स्ड डिपॅाजिट एक वित्तीय रक्षा कवच हो सकता है: जब आपका बच्चा आ गया है तो वो उसपर होने वाला खर्च आपके अकॉउंट को प्रभावित करता है। समय-समय पर फिक्स्ड डिपॅाजिट में निवेश करते रहे। बजाज फाइनेंस 5 साल के लिए रू. 25,000 की फिक्स्ड डिपॅाजिट स्कीम देता है।
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इन तीन तरीकों से हो सकता है लाभ:
गारंटीड रिटर्न: एक विशेष व्याज दर पर गारंटीड रिटर्न की योजना भी है। बजाज फाइनेंस 7.85% के ब्याज दर ( जो कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.1% तक ) से योजना लाया है। बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे लेकिन ये रिटर्न आपके फ्लक्चुएशन आपके को प्रभावित नहीं करेगा। यदि आप बेहतर प्लान करते हैं, तो फिक्स्ड डिपॅाजिट की मदद से आप अपने बच्चे की उच्च शिक्षा में मदद कर सकते हैं। इसके लिए फिर लोन लेने की कोई जरूरत नहीं है.
नकद की कमी की स्थिति में मदद: फिक्स्ड डिपॅाजिट कैश की कमी के वक्त मददगार होता है। निश्चित समय पर व्याज लेने का प्लान बनायें। ये वित्तीय संकट के समय मदद कर सकता है और आपके कैश के फ्लो को बनाये रखेगा। फिक्स्ड डिपॅाजिट के आधार पर आप लोन भी ले सकते हैं। बजाज फाइनेंस जमा राशि पर 75% तक का उधार देता है। इसपर ब्याज दर फिक्स्ड डिपॅाजिट के ब्याज से केवल 2 % अधिक होता है।
फ़्लेस्किबल पेमेंट मोड:
आप ब्याज को समय-समय पर इस्तेमाल कर सकते हैं। ये भविष्य को ध्यान में रखते हुए अच्छा साबित होता है जैसे कि बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए। आप ब्याज एक निश्चित अवधि के बाद निकाल भी सकते हैं। माता-पिता अपनी सारी जिंदगी अपने बच्चे को अच्छी चीजें देने में लगा देते हैं। लेकिन भविष्य को देखते हुए बचत करना ना भूलें। अभी से बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निवेश करना शुरू करें।
किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए बजाज फाइनेंस के ग्राहक प्रतिनिधि से बात करें- Bajaj Finance Contact Details
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