10 सरकारी बैंकों का विलय, जानिए किस बैंक को क्या मिला ?
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग सेक्टर में सुधार लाने के लिए सरकारी बैंकों के मर्जर का रास्ता अपनाया। निर्मला सीतारमण का ये फैसला बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़ा फैसला लिया है। साल 1971 के बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद से ये बैकिंग सेक्टर के लिए गया दूसरा बड़ा फैसला है। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 10 रह गई है।
इन बैंकों का होगा विलय
मोदी सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की। पंजाब नेशनल बैंक में ओबीसी बैंक और यूनाइटेड बैंक के विलय की घोषणा की गई। वहीं केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक के विलय को मंजूरी दी गई। इसके साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक ते विलय को मंजूरी दी गई। वहीं इंडियन बैंक के साथ इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा।
किस बैंक को मिलेगी कितनी पूंजी
विलय के साथ ही सरकार ने सरकारी बैंक के लिए बूस्टर डोज की घोषणा की है। सरकारी बैंकों में सरकारी पूंजी डालेगी। इसके तहत हर बैंक को अलग-अलग सरकारी पूंजी मिलेगी।
- सरकार इंडियन ओवरसीज बैंक में 3800 करोड़ रुपए की पूंजी डालेगी।
- यूको बैंक को सरकारी की ओर से 2100 करोड़ रुपए की मदद मिलेगी।
- यूनाइटेड बैंक को सरकार की ओर से 1600 करोड़ रुपए की पूंजी मिलेगी।
- PNB में सरकार 16,000 करोड़ रुपए डालेगी।
- वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा को सरकार की ओर से 7,000 करोड़ रुपए मिले।
- केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपए
- यूनियन बैंक को 11,700 करोड़ रुपए का निवेश मिलेगा।