वकील हत्याकांड: अजीज दोस्त विक्की ने ही दिया था घटना को अंजाम, टाइल्स फैक्ट्री में गड्ढा खोदकर दबाया था शव
बुलंदशहर। 25 जुलाई को लापता हुए वकील धर्मेंद्र चौधरी हत्याकांड मामले में बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने जांच के तमाम पहलुओं को उजागर किया है। दरअसल, वकील धर्मेंद्र चौधरी का 31 जुलाई की देर रात शव बरामद होने के बाद पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया था। हिरासत में लिए गए आरोपियों ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए है। उन्होंने बताया कि वकील धर्मेंद्र की हत्या 70 लाख की रकम ब्याज पर देने के कारण हुई थी।
6 किलोमीटर दूर सड़क किनारे गड्ढे में मिली थी बाइक
बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 25 जुलाई की रात लगभग 11 बजे के आसपास खुर्जा कोतवाली में वकील धर्मेंद्र चौधरी, जो प्रॉपर्टी का काम करते थे, उनके गायब होने की सूचना परिवारवालों द्वारा दी गई। पुलिस लगतार उनकी तलाश में रात भर सर्च ऑपरेशन चलाती रही। अगले दिन सुबह 6 बजे के आसपास उनकी बाइक 6 किलोमीटर दूर सड़क किनारे गड्ढे में मिली। उनके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की गई तो उनका मोबाइल भी उसी इलाके में 8.52 पर बंद हुआ पाया गया था।
किसी पर शक जाहिर नहीं कर पा रहे थे परिवार वाले
पुलिस की मानें तो वकील धर्मेंद्र चौधरी के परिवार वाले किसी पर भी शक जाहिर नहीं कर पा रहे थे। क्योंकि वकील का किसी से कोई विवाद नहीं था। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक दर्जन से ज्यादा टीमें गठित की गईं। सर्विलांस की 3 टीमें बनाई गइें। एसओजी की टीमों को भी वकील की तलाश में लगाया गया था। कई संभावित राज्यों में टीमें भेजी गईं, जहां आशंका थी कि वह स्वत: जा सकते हैं।
नहीं मिला कोई क्रिमिनल लिंक
एसएसपी ने बताया कि तमाम तरह से जांच के बाद भी इस प्रकरण में कोई क्रिमिनल लिंक नहीं मिल रहा था। जो भी इनके मोबाइल की स्थिति थी, रूट की जांच की गई लेकिन सफलता नहीं मिली। इस दौरान जांच में पता चला कि 25 जुलाई की रात 8.06 बजे ये धर्मेंद्र चौधरी अपने अभिन्न मित्र विवेक उर्फ विक्की के यहां खाना खाने गए थे। पता चला कि अक्सर ये लोग वहां पार्टी करते थे।
पुलिस की जांच में साथ था विवेक उर्फ विक्की
वकील धर्मेंद्र चौधरी का मित्र विवेक उर्फ विक्की लगातार पुलिस के साथ तलाश में भी लगा हुआ था। उसने पूछताछ में बताया कि उस रात जैसे ही ये लोग खाना खाने पहुंचे, एक मिनट बाद एक फोन आया और वकील धर्मेंद्र हैलो करते हुए बाहर निकले और कहा कि 5 मिनट में आ रहा हूं। विक्की का कहना है कि जब ये 2 घंटे तक नहीं आए तो उन लोगों ने खाना नहीं खाया। इसके बाद वह अपने दोनों नौकरों के साथ घर चला गया।
घरवालों को दोस्त विक्की पर हुआ शक
एसएसपी ने बताया कि शहर के सभी सीसीटीवी खंगाले गए, धर्मेंद्र चौधरी की बाइक कहीं भी नहीं दिखी। वहीं विक्की ने जो टाइमिंग बताई गई, उसी अनुसार उसकी मोबाइल लोकेशन दुकान से घर की थी। उन्होंने बताया कि आखिरकार घरवालों को 27 जुलाई की रात को विक्की पर कुछ शक हुआ तो उन्हें धर्मेंद्र की अलमारी से एक डायरी मिली, जिसमें करीब 70 से 80 लाख रुपए के लेनदेन का हिसाब था।
ब्याज का था 10 लाख बकाया
इसके बाद घरवालों ने बताया कि धर्मेंद्र चौधरी विक्की को 4 प्रतिशत ब्याज पर पैसे देते थे। डायरी से पता चला कि केवल एक-एक महीने का ब्याज जमा था। ब्याज करीब 10 लाख के आसपास हो गया था। लेकिन किसी भी टेक्निकल जांच में विक्की का लिंक नहीं दिख रहा था, बस ये प्रमाणित था कि आखिरी बार धर्मेंद्र विक्की के यहां गए थे। जिसके बाद पुसिस ने विक्की का लाइ डिटेक्टर टेंस्ट कराने का निर्णय लिया। विक्की तैयार भी हो गया। दिल्ली की लैब उन्हें भेजा गया, लेकिन वहां वह मुकर गए। इसके बाद हमारा शक बढ़ गया।
विक्की और दो नौकर हिरासत में
शुक्रवार रात को गोदाम में सर्च किया गया, 3 घंटे के प्रयास के बाद उसी गोदाम में एक गड्ढे से बदबू आ रही थी। पुलिस ने खुदाई कराकर वकील का शव बरामद कर लिया। वहीं, इस मामले में बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 7 दिनों से लापता वकील धर्मेंद्र चौधरी का शव बरामद कर लिया गया है। इस मामले में वकील धर्मेंद्र के दोसत विक्की और उसके दो नौकरों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
ये भी पढ़ें:- बुलंदशहर: 70 लाख रुपयों के विवाद में हुई थी वकील धर्मेंद्र की हत्या, 7 दिन बाद मिला शव