अनूपशहर सीट पर RLD को लगा झटका, पूर्व विधायक चौधरी गजेंद्र सिंह ने ज्वाइन की कांग्रेस
बुलंदशहर, 18 जनवरी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नेताओं के दलबदल का दौर अभी भी जारी है। तो वहीं, अब कांग्रेस पार्टी ने अनूपशहर सीट पर राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, अनूपशहर सीट से पूर्व विधायक व जाट नेता चौधरी गजेंद्र सिंह ने सोमवार 17 जनवरी को आरएलडी छोड़कर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया हैं। हाला ही में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) छोड़कर आरएलडी ज्वाइन की थी।
चौधरी गजेंद्र सिंह अनूपशहर सीट से दो बार के विधायक और दिग्गज जाट नेता है। सोमवार को उन्होंने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस की तरफ से उन्हें अनूपशहर विधानसभा पर पार्टी का आधिकारिक प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी दीपेंद्र सिंह हुड्डा के दिल्ली स्थित आवास पर दीपेंद्र सिंह हुड्डा और सचिव धीरज गुर्जर, नसीमुद्दीन सिद्दीकी के समक्ष चौधरी गजेंद्र सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली।
इससे पहले चौधरी गजेंद्र सिंह बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में थे। 13 दिसंबर 2021 को उन्होंने टिकट की चाहत में बीएसपी का दामन छोड़कर आरएलडी का दामन थामा था। लेकिन अनूपशहर सीट सपा-एनसीपी गठबंधन के खाते में जाने से वो खासे नाराज चल रहे थे और बागी होते हुए चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। सोमवार को उन्होंने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया। अब वह कांग्रेस के टिकट पर अनूपशहर विधानसभा से ताल ठोकेंगे।
लगातार
दो
बार
रह
चुके
हैं
विधायक
चौधरी
गजेंद्र
सिंह
पहली
बार
वर्ष
2002
में
बसपा
के
टिकट
पर
ही
अनूपशहर
विधानसभा
सीट
से
चुनाव
लड़े
थे।
तब
वह
दूसरे
स्थान
पर
रहे
और
निर्दलीय
विधायक
होशियार
सिंह
से
महज
1500
वोटो
से
चुनाव
हारे।
इसके
बाद
वह
2007
में
बसपा
के
टिकट
पर
ही
रिकॉर्ड
मतों
से
चुनाव
जीते।
2012
में
सपा
की
लहर
के
बावजूद
उन्होंने
सपा
प्रत्याशी
को
बड़े
अंतर
से
मात
दी।
2017
में
वह
भाजपा
प्रत्याशी
से
चुनाव
हार
गए।