बुलंदशहर हिंसा: चश्मदीद गवाह मुकेश का बयान, मेरे सामने प्रशांत नट ने इंस्पेक्टर सुबोध को मारी थी गोली
Bulandshahr News (बुलंदशहर)। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 3 दिसंबर को हुई हिंसा में इस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब इस मामले में एक चश्मदीद गवाह सामने आया है। चश्मदीद ने सुमित पर चली गोली से लेकर इंस्पेक्टर की हत्या का पूरा कच्चा चिट्ठा बताया। साथ ही उसने इंस्पेक्टर पर कुल्हाड़ी से हुए हमले की जानकारी से इंकार किया है।
स्यान हिंसा में चश्मदीद सामने आया
स्याना के चिंगरावठी गांव निवासी मुकेश कुमार पुत्र सूरज सिंह को पुलिस हिंसा का मुख्य चश्मदीद गवाह बता रही है। पुलिस ने शुक्रावार को चश्मदीद गवाह मुकेश को जिला न्यायालय में मीडिया से मुखातिब कराया। चश्मदीद मुकेश ने मीडिया को 3 दिसंबर को हुई घटना के बारे में जानकारी दी। बता दें कि प्रशांत की गिरफ्तारी के बाद पुलिस चश्मदीद को हिंसा वाली जगह भी ले गई और उससे 3 दिसंबर को हुए पूरे वाकये को समझने की कोशिश की।
चश्मदीद ने बताया इंस्पेक्टर साहब ने सुमित को मारी थी गोली
चश्मदीद गवाह मुकेश ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कोतवाल साहब मुझको जानते थे, उनसे मेरा परिचय था। बताया कि घटना वाले दिन वह चौकी के निकट खड़े एक ट्रोला के पास खड़ा हुआ था। चौकी के सामने स्याना की ओर से बलवाई पथराव कर रहे थे। इस दौरान इंस्पेक्टर के चेहरे पर भी चोट लगी थी। मैं उन्हें अपने गांव की तरफ ले जा रहा था। इस दौरान सुमित ने एक पत्थर मारा, वो इंस्पेक्टर साहब को लगा। इसके बाद कोतवाल साहव ने एक पत्थर मारा जो किसी और को जाकर लगा। इसके बाद मैं फिर इंस्पेक्टर साहब गांव की तरफ ले जा रहा था। खेत पर बनी एक नाली के पास सुमित भीड़ में सबसे आगे था। इस दौरान इंस्पेक्टर ने सुमित को गोली मार दी थी, जिससे सुमित वहीं, गिर गया।
प्रशांत ने मारी थी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को गोली
इसके बाद वहां तनाव और बढ़ गया। जिसके बाद पत्थरबाजी भी एकाएक बढ़ गई। इसी बीच इंस्पेक्टर की तरफ कई और पत्थर फेंके गए। चश्मदीद ने बताया कि प्रशात ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को पीछे से पकड़ लिया था। जिसके बाद लोगों ने उन पर हमला कर दिया। चश्मदीद ने बताया कि प्रशांत ने इंस्पेक्टर पिस्टल लेकर उन्हें सामने से गोली मार दी। गोली मारने के बाद पिस्टल मौका-ए-वारदात पर ही फेंक दी थी। साथ चश्मदीद ने बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पर कुल्हाड़ी से प्रहार नहीं किया गया था।