प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाने पर होगी FIR, वायरल नोटिस को बुलंदशहर SSP ने बताया साजिश
बुलंदशहर। लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाने या पानी पिलाने वाले व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज करने वाले नोटिस पर बुलंदशहर के एसएसपी का बयान सामने आया है। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि यह नोटिस साजिश के तहत वायरल किया गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के उल्लंघन में यह नोटिस पूर्व विधायक बाहुबली श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित को दिया गया था। नोटिस से नाम हटाकर इसे वायरल किया गया है। बता दें कि गुड्डू पंडित पर लॉकडाउन उल्लंघन का मुकदमा तीन दिन पूर्व नगर कोतवाली में दर्ज हुआ है।
क्या है पूरा मामला?
लॉकडाउन के बीच यूपी के बुलंदशहर में पुलिस का एक नोटिस वायरल हुआ। इसमें लिखा था ''प्राय देखने में आ रहा है आपके द्वारा पैदल चल रहे प्रवासी मजदूरों को अपने आवास के सामने रोक लिया जाता है कि इस आश्य की गोपनीय जानकारी प्राप्त हुई है कि आपके द्वारा रास्ते में मजदूरों को अपने आवास पर खाने पीने की वस्तुओं को वितरित करते हुए लालच देकर बुलाया जाता है। इससे कोविड 19 के नियमों का उल्लघंन हो रहा है। आप सचेत हो, भविष्य में आपके द्वारा इस प्रकार से भीड़ जटाई गई और कोविड 19 का उल्लघंन किया गया तो नियमानुसार वैद्यानिक कार्यवाही की जाएगी।'' इस नोटिस के वायरल होते ही बुलंदशहर पुलिस की आलोचना होने लगी।
एसएसपी ने दिया स्पष्टीकरण, बताया साजिश
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया, बुलंदशहर पुलिस का एक नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल कर गलत संदर्भ में प्रसारित किया जा रहा है। एसएसपी ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया, ''जनपद में एक गुड्डू पंडित नाम के एक व्यक्ति हैं। उनके विरुद्ध लॉकडाउन के उल्लंघन और सोशल नियमों का पालन न करने के आरोप में पांच से ज्यादा मुक़दमे दर्ज हैं। साथ ही गुड्डू पंडित को चौकी प्रभारी द्वारा एक नोटिस इस आशय से दिया गया था कि वे कतिपय लोगों को भोजन के नाम पर जगह-जगह से बुलाकर इकट्ठा किया जा रहा था। इसे लॉकडाउन की व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। इस नोटिस में उनके नाम को हटाकर बुलंदशहर पुलिस को बदनाम करने की साजिश की गई है। एसएसपी ने बताया कि जनपद के कई समाजसेवियों ने जनता को राहत पहुंचाने के लिए भोजन व राहत सामग्री फैलाई है। उनके इस प्रयास का जनपद पुलिस ने स्वागत किया और सहयोग भी मुहैया कराया गया।
योगेंद्र यादव ने योगी सरकार पर साधा निशाना
उधर, इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई। पॉलिटिकल एक्टिविस्ट और स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने वायरल नोटिस को ट्वीट करते हुए लिखा यूपी सरकार उन सभ्य लोगों को धमका रही है और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है कि अगर वे पैदल चल रहे प्रवासी श्रमिकों को आश्रय, खाना व पानी देंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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