मुजफ्फरनगर: खादर क्षेत्र में मिली 100 से ज्यादा गौवंश की लाशें, दो दिन में हुई इतनी मौतें
मुज़फ्फरनगर। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भले ही गौवंश के संरक्षण को लेकर जनपद के आला अधिकारियों को गौशाला खोलकर उनके चारे-पानी की व्यवस्था किये जाने का फरमान जारी किया हुआ है। लेकिन मुज़फ्फरनगर जनपद के आला अधिकारियों ने योगी जी के फरमान को पलीता लगा दिया है। इसका जीता जागता उदहारण भोपा और थाना ककरौली क्षेत्र के गांव बिहारगढ़, जमालपुर खोला, भोकरहेड़ी, शुक्रतारी, अलाभास के खादर क्षेत्र में 100 से ज्यादा गौवंश चारे और पानी के अभाव में मृत पाये गए हैं। स्थानीय लोगों में मृत पशुओ की दुर्गन्ध से क्षेत्र में भयानक महामारी फैलने का भय बना हुआ है। वहीं जिला प्रशासन इस मामले को रफा-दफा करने की तैयारी में जुटा हुआ है। पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर मृत पशुओं की जांच में जुटी हुई है।
खादर क्षेत्र में फैली हैं लाशों
भोपा और थाना ककरौली क्षेत्र के 28,000 बीघे में फैले वन विभाग के खादर क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर 100 से ज्यादा गौवंशों की लाशें मिली हैं। इस जंगल में चारे और पानी के अभाव के कारण इन गौवंशो की संख्या 100 का आंकड़ा पार कर चुकी है। इसमें मृत पशुओ के शव खुले आसमान के नीचे सड़कर क्षेत्र में भयानक दुर्गन्ध फैला रहे है। स्थानीय लोगों का ये कहना है कि पिछले दो दिन तक हुई लगातार बारिश और ओलावृष्टी के चलते इन भूखे गौवंशो की मृत्यु हुई है। वहीं क्षेत्र में शासनादेश के बाद भी जिला प्रसाशन द्वारा कोई भी गौशाला का निर्माण कर खादर क्षेत्र में चारे के अभाव में घूमने वाले इन गौवंशों को संरक्षण नहीं किया गया है जिस कारण इन गौवंशो की भारी संख्या में मृत्यु हुई है|
दूर-दूर तक गायों के खाने के लिए कुछ नहीं
गंगा किनारे क्षेत्र स्थित खादर में गोचर भूमि में दूर-दूर तक कोई भी हरियाली नहीं दिखाई दे रही जिससे पशु चारा खाकर जिन्दा रह सके। स्थानीय गोपालकों का ये भी कहना है कि इस गोचर भूमि में स्थानीय और आसपास के कुछ लोगों द्वारा प्रशासन से मिलीभगत कर कब्ज़ा कर सैंकड़ो बीघा भूमि में गेंहू की खेती की जा रही है। साथ ही खेतो में लगी फसलों को कोई भी पशु नुकसान न पंहुचाये इसके लिए भूमाफिया द्वारा खेतों के किनारे तारों में बिजली का करंट छोड़ दिया जाता है। जिससे रात्रि में करंट लगाने से भी पशुओ की मृत्यु हो रही है।
माफियाओं ने किया भूमि पर कब्जा
कुछ का ये भी कहना है की भूमाफियो द्वारा फसलों पर कीट नाशक दवाइयों का छिड़काव भी किया जाता है जिससे पशुओं की मृत्यु हो रही है| कुछ गोपालक खुद ही गायों को संरक्षण देकर सेवा कर रहे हैं। सरकार से कोई भी मदद गौपालकों को नहीं मिल रही है | ग्राम प्रधान ने तो यहां तक आरोप लगाया कि मुज़फ्फरनगर और जनपद बिजनौर की सीमा पर सटे इस गंगा स्थित हजारों बीघा जमीन पर सिंचाई विभाग और वन विभाग की मिलीभगत से गोचर भूमि पर दबंगो का कब्ज़ा कराकर खेती कराई जा रही है| यदि इन मृत पशुओ के शवों का निस्तारण नहीं किया गया तो इसकी दुर्गन्ध से गांव और आसपास के इलाके में भयानक महामारी फ़ैल सकती है जो पालतू पशुओ और इंसानो के लिए भी खतरा बना हुआ है।
सूचना से प्रशासन में हड़कंप
गंगा स्थित खादर क्षेत्रो में पड़े गौवंशो के शवों की सूचना पाकर पशु चिकित्सा विभाग अपनी कुम्भकरणी नींद से जाग गया, जिसके चलते खादर क्षेत्र में पड़े 100 से ज्यादा शवों का निरीक्षण करने के लिए 4 पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचे। मृतक गौवंशो का बारीकी से निरीक्षण कर अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं कि इतनी बड़ी संख्या में पशुओ की मृत्यु कैसे हुयी। घटनास्थल पर मौजूद चिकित्सक इस बात से भी इनकार नहीं कर रहे हैं कि इनकी मौत का मुख्य कारण क्या है? पशु चिकित्सकों का ये भी कहना है कि गौवंशो के किये गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद ही तय हो पायेगा।