मासूम बच्चों को घर में बंदकर मां ने लगाई आग, खिड़की से उन्हें जिंदा जलते देखती रही
नई दिल्ली। मां भगवान का रूप होती है और अपने बच्चों की खुशी के लिए वह कुछ भी कर सकती हैं। यहां तक कि वह अपनी जान भी दे सकती है। लेकिन रूस की एक महिला ने अपने बच्चों के साथ जो किया उससे मानो मां शब्द दागदार हो गया। 28 साल की महिला ने अपने 4 साल के बेटे और डेढ़ साल की बेटी को जिंदा जलाने की कोशिश की। इसमें उसके बेटे की मौत हो गई जबकि बेटी को पड़ोसियों ने किसी तरह बचाया। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
घर को आग लगाकर बच्चों को जिंदा जलता देख रही थी मां
रूस के बारखोयेवो गांव में रहने वाली इस महिला ने बच्चों से तंग आकर पूरे घर पर पैट्रोल डाल दिया और आग लगाई। फिर उन्हें घर के भीतर बंद कर खुद बाहर निकल गई। बाहर से वह निर्दयी की तरह अपने ही बच्चों के घर में जिंदा जलता और चीखता देख रही थी। 16 साल के पड़ोसी ने जब महिला के घर से धुआं आते देखा तो कांच की खिड़की तोड़कर अंदर घुसा और बेड पर पड़ी बच्ची को बाहर ले गया। लेकिन जब वह महिला के बेटे को लेने वापस पहुंचा तब तक वह घुटन से मर चुका था।
बच्चों से छुटकारा पाने के लिए पति से की थी लड़ाई
महिला ने हर बार की तरह घटना के दिन भी पति से इस बात को लेकर लड़ाई की थी कि बच्चों को अनाथालय में छोड़ दिया जाए। इसके बाद पति काम पर निकल गया था और आरोपी महिला ने शराब पीना शुरू कर दिया था। दोपहर को खाने के वक्त जब उसे बच्चों को खाना खिलाना था तो उनके रोने से परेशान महिला ने सारे घर में पैट्रोल डालकर आग लगा दी और बच्चों को बंद कर दिया।
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सोफे के नीचे मिला बेटे का जला हुआ शव
किसी तरह महिला की डेढ साल की बेटी के बचाया गया और वह अस्पताल में मौत से जूझ रही है। लेकिन बेटे को नहीं बचाया जा सका। आग बुझने के बाद 4 साल के बेटे का बुरी तरह जला हुआ शव सोफे के नीचे से बरामद हुआ है। महिला को हिरासत में ले लिया गया है। महिला ने साफ कबूल किया है कि वह बार बार अपने पति से बच्चों को अनाथालय में छोड़ आने को कहती थी और आखिरकार उनसे तंग आकर उसने उन्हें जला दिया।
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